हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड में भारत सरकार की महारत्न कंपनी एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल परियोजना में खनन के दुष्प्रभाव से आदिम जनजाति समुदाय के दो सदस्यों, किरणी बिरहोर और बहादुर बिरहोर की मौत का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आ गया है। 25 नवम्बर 2024 को आयोग ने संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर अब हज़ारीबाग डीसी, एसपी और रांची श्रमायुक्त को रिमाइंडर भेजा गया है। आयोग ने 24 फरवरी 2025 तक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है और यदि रिपोर्ट समय पर नहीं भेजी जाती तो मानव सुरक्षा कानून 1993 की धारा 13 के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
इस मामले में पहले ही एक जांच रिपोर्ट में यह पाया गया था कि एनटीपीसी द्वारा खनन कार्य के कारण स्थानीय बिरहोर समुदाय को प्रदूषण और विस्फोटों जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकता है। इसके बावजूद, प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्यों आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की सुरक्षा की अनदेखी की गई और खनन कार्य जारी रखा गया।
अब यह देखना होगा कि आयोग द्वारा उठाए गए कदमों के बाद इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई की जाती है, और क्या प्रशासन द्वारा बिरहोर समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।