
भारत में Toolkit Scandal के बाद सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर कई लेफ्ट समर्थित एक्टिविस्ट आ गए हैं । दिशा रवि(disha ravi) के बाद अब निकिता जैकब (Nikita Jacob) के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है । इन एक्टिविस्टों पर आरोप है कि इन्होने ट्विटर की भारत विरोधी और भड़काऊ ट्वीट को #toolkit के माध्यम से वायरल किया, जिससे दिल्ली और आसपास के राज्यों में हिंसा और तनाव पैदा हुआ ।
क्या है टूलकिट (Toolkit) Scandal?
टूलकिट’ में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है । दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि और निकिता जैकब सहित सैकड़ों एक्टिविस्टों पर टूलकिट शेयर कर भारत के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया है ।
निकिता जैकब के खिलाफ क्या हैं आरोप
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की माने तो खालिस्तान संगठन से जुड़े ‘पोएट फॉर जस्टिस’ के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया था । मकसद ये था कि रिपब्लिक डे के पहले ट्विटर स्टॉर्म करना ।
पुलिस ने बताया कि गणतंत्र दिवस के पहले एक जूम मीटिंग हुई थी । इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा रवि के अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए थे । एमओ धालीवाल ने कहा था कि मुद्दे को बड़ा बनाना है । इनका मकसद ये था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है ।

दिशा रवि का क्या था रोल ?
पुलिस ने दिशा पर भारत के खिलाफ नफरत फैलाने और खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है । ये वही टूलकिट है जो पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी । दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग एक दूसरे को पहले से जानती थी । दिशा ने ही ग्रेटा थनबर्ग से संपर्क साध कर उन्हें किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के लिए राजी किया । बाद में दिशा रवि और निकिता जैकब जैसे सैकड़ों एक्टिविस्टों ने ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को #toolkit के माध्यम से वायरल किया ।