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बच्चों के खिलाफ अपराधों की पहचान और रिपोर्टिंग हेतु जे.एस.एल.पी.एस के जेंडर सी.आर.पी को प्रशिक्षण

बच्चों के खिलाफ अपराधों की पहचान और रिपोर्टिंग हेतु जे.एस.एल.पी.एस के जेंडर सी.आर.पी को प्रशिक्षण

हजारीबाग, 12 अगस्त 2024: सोमवार को हजारीबाग समाहरणालय में जिला बाल संरक्षण इकाई, समाज कल्याण विभाग और XISS-UNICEF के संयुक्त तत्वाधान में एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के खिलाफ अपराधों को पहचानने और रिपोर्टिंग के लिए जे.एस.एल.पी.एस के 43 जेंडर सी.आर.पी को प्रशिक्षित करना था।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती इन्दु प्रमा खलखो ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य बच्चों के खिलाफ अपराधों की पहचान और रिपोर्टिंग में समुदाय को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि समाज में सबसे अधिक हिंसा बच्चों और महिलाओं के खिलाफ होती है।

जिला परिवीक्षा पदाधिकारी श्री श्याम कुमार सिंह ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के विभिन्न धाराओं और सजा के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रतिनिधि श्री सौरभ अंशु और श्रीमती नेहा अंजुम ने पॉक्सो एक्ट और साइबर क्राइम में बच्चों की सुरक्षा के कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने निःशुल्क कानूनी सहायता और विधि से संबंधित परामर्श के लिए टॉल फ्री नंबर 15100 की जानकारी भी प्रदान की।

प्रशिक्षण में जिला बाल संरक्षण इकाई के विधि-सह-परिवीक्षा पदाधिकारी ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत वैधानिक संस्थाओं के उत्तरदायित्वों और विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। इसके अलावा, संरक्षण पदाधिकारी (गैर संस्थागत देखरेख) ने केन्द्र प्रायोजित स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर, और आफटर केयर योजनाओं के बारे में जानकारी दी। स्पॉन्सरशिप योजनाओं के तहत विषम परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को लाभ प्रदान किया जाता है, जिनकी वार्षिक आय 75,000 रुपये से कम होती है।

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी श्री संजय प्रसाद ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा की समाप्ति हेतु जिले में संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098/112 के महत्व को रेखांकित किया। यह एक निःशुल्क टॉल फ्री नंबर है, जहां हिंसा की सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।

कार्यक्रम के समापन पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिन्हा ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जरूरतमंद बच्चों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने और बच्चों के खिलाफ अपराधों को पहचान कर कानूनी प्रक्रिया में लाने हेतु समुदाय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी श्री संजय प्रसाद द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में जे.एस.एल.पी.एस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला बाल संरक्षण इकाई के सदस्यों और XISS-UNICEF के जिला परियोजना समन्वयक राजनंदनी भी उपस्थित थे।

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