
रांची : धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायधीश उत्तम आनंद की मौत मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार पर बेहद तल्ख टिप्पणी की है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि युवा जज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह राज्य सरकार की विफलता है ।
अदालत में घुस आते हैं असमाजिक तत्व
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में दायर याचिका का हवाला देते हुए कहा कि देश भर में ऐसे उदाहरण हैं जहां असामाजिक तत्व अदालत परिसर में प्रवेश कर रहे हैं । आज हम एजी से इसपर राय चाहते हैं ।
कहा- न्यायपालिका की मदद नहीं कर रही सीबीआई और आईबी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा मुझे खेद है कि सीबीआई ने कुछ नहीं किया । अब आपको ऐसे मामलों का ध्यान रखना होगा ।
सोशल मीडिया पर न्यायपालिका को बदनाम करने का नया चलन
प्रतिकूल फैसले आने पर न्यायपालिका को बदनाम करने की मुहिम छेड़ देते हैं बड़े और प्रभावशाली लोग- SC
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह इस देश में एक नया चलन है । यदि कोई शक्तिशाली हाई प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है तो वह और उसका गिरोह न्यायपालिका को बदनाम करता है । वे सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्विटर आदि पर न्यायाधीशों को धमकाते और गाली देते हैं । कई मामलों की शिकायतें सीबीआई को भेजी गयी हैं । भले ही न्यायाधीश शिकायत करते हैं कि लेकिन वे जवाब नहीं देते हैं ।
सीबीआई, आईबी न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रही है ।
9 अगस्त को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सोमवार 9 अगस्त को सुनवाई के लिए रखा है । सुनवाई रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम सीबीआई को सुनना चाहते हैं । सभी राज्य भी हलफनामा दाखिल करें कि जजों को सुरक्षा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?