नाम बदलकर ढाबा चलाने वाले मारीच हैं, जो हिंदुओं की..; कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर देवकीनंदन ठाकुर का बयान
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है और इस पर पूरे देश में बहस हो रही है। इस मामले पर अब जाने-माने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का भी बयान आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वह यूपी सरकार के फैसले का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “हमारे उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा विवाद चल रहा है। यह विवाद का विषय तो नहीं है, मगर कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। जहां से होकर कांवड़िए जाते हैं, वहां कई जगहों पर मुस्लिम भाइयों ने भी ढाबा खोला हुआ है। इससे हमें कोई परेशानी नहीं है।”
कथा सुनाते हुए देवकीनंदन ने आगे कहा, “बड़ी बात यह है कि हमारे देवी-देवताओं के नाम पर ये ढाबे चलाए जा रहे हैं। इन पर लिखा तो शुद्ध वैष्णव ढाबा होता है, मगर अंदर जाने पर सच्चाई कुछ और ही मालूम होती है।” उन्होंने कहा कि श्रावण में कांवड़ लाना हिंदू धर्म में आध्यात्मिक यात्रा है। ठीक वैसे ही जैसे तुम्हारी हज यात्रा होती है और तुम लोग मक्का-मदीना जाते हो।
कथावाचक ने कहा, “हज यात्रा के दौरान तुम लोग भी बहुत से नियमों का पालन करते हो जिनसे हमें कोई ऐतराज नहीं है। जैसे मक्का जाने को लेकर रूल और रेगुलेशन हैं, वैसे ही गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए नियम बने हुए हैं। इनका हमें पालन करना होता है। इसमें हमें शुद्ध भोजन ग्रहण करना जरूरी बताया गया है।”
देवकीनंदन ठाकुर का यह बयान कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट विवाद को और गर्मा सकता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आदेश यात्रियों की सुविधा और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।