पटना। नीतीश कुमार फिर पलटी मारने वाले हैं । मकर सक्रांति के बाद कभी भी खबर सामने आ सकती है। नीतीश कुमार पलटने वाले हैं, इसके संकेत मिलने शुरू हो गए् हैं। आखिर क्या हैं वे संकेत, जो बताते हैं कि नीतीश कुमार पलटी मारने वाले हैं ।
पीएम मोदी का बेतिया दौरा अचानक रद्द
पीएम मोदी के बेतिया दौरे को लेकर खूब तैयारियां चल रही थीं। बेतिया से बीजेपी के सांसद विनय जायसवाल पिछले एक महीने से लगे हुए थे। लेकिन पीएम मोदी की ओर से दौरा अचानक रद्द कर दिया गया है। कारण, अगर मोदी आते तो उन्हें नीतीश कुमार पर अटैक करना पड़ता। पीएम मोदी इससे बचना चाहते थे। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र के दौरे पर थे। उस वक्त उन्होने शरद पवार के भतीजे अजीत पवार पर खूब हमले किए थे। लेकिन एक महीने के अंदर अजीत पवार की एनडीए में वापसी हो गई. तब विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के बयानों को लेकर भाजपा की खूब घेराबंदी की थी। इस बार पीएम मोदी उस शर्मिंदगी से बचना चाहते हैं।
बिहार बीजेपी के नेताओं को नीतीश पर न बोलने को कहा गया
बिहार बीजेपी के सू6ों के हवाले से खबर है कि भाजपा नेताओं को नीतीश कुमार पर डायरेक्ट ्टैक करने से बचने को कहा गया है। मतलब, नीतीश की बुराई नहीं करनी है, चाहे राजद के बारे में कुछ भी कहें। हाल के दिनों में बिहार भाजपा नेताओं के बयानों को देखें तो कोई बी नेता नीतीश कुमार पर तीखे हमले नहीं कर रहा। बिहार बीजेपी के नेताओं को नीतीश कुमार पर हमला करने से बचने को कहा गया है।
Land for Job घोटाले का बहाना
Land for Job घोटाले में लालू यादव और परिवार का नाम CBI के बाद अब ED की चार्जशीट में भी है। नीतीश कुमार “भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं” वाला बहाना बनाकर INDIA गठबंधन छोड़ सकते हैं। पिछली बार भी LARA घोटाला, यानि लालू-राबड़ी मॉल में चिड़ियाघर की मिट्टी का उपयोग का ारोप लगाने हुए नीतीश ने पलटी मारी थी. िस बार बहाना बनाएंगे कि नीतीश ने कभी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया, फिर रेलवे में नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले पर वो कैसे खामोश रहते
ललन सिंह से किनारा और अशोक चौधरी-संजय झा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
नीतीश कुमार ने सासंद संजय झा और अशोक चौधरी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं और बीजेपी विरोधी ललन सिंह को किनारे कर दिया। संजय झा पहले बीजेपी में थे, अरुण जेटली के कहने पर जेडीयू में शामिल हुए थे। आज भी जेडीयू और बीजेपी के बीच सेतु का काम करते हैं।
नीतीश को क्या मिलेगा ?
NDA में आने के बाद नीतीश कुमार को NDA का संयोजक बनाया जा सकता है. इसके अलावा रिटायमेंट पैकेज के रूप में कहीं का राज्यपाल बन सकते हैं। इसके अलावा वो अगले विधानसभा चुनाव तक निष्कंटक बिहार का मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं। बिहार को केन्द्र की ओर से विशेष आर्थिक पैकेज की भी घोषणा हो सकती है।
बीजेपी को क्या मिलेगा ?
भाजपा ने अपने सर्वे कराकर देख लिए हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद वे नीतीश कुमार के बिना ज्यादा से ज्यादा 30-32 लोकसभा सीट जीतने की स्तिति में हैं। लेकिन अगर जेडीयू भाजपा के साथ आ जाती है तब बीजेपी कम से कम 37-39 सीटें जीत सकती है। नीतीश के पाला बदलने के बाद राजद के पास सिर्फ कांग्रेस और लेफ्ट रह जाएंगे। तीने के वोट मिलाकर भी एनडीए को बिहार में परास्त नहीं किया जा सकता।