Friday 22nd of November 2024 11:16:55 AM
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देवघर एम्स के उद्घाटन समारोह में निशिकांत दूबे को न बुलाए जाने के मामला , बाबूलाल ने लिखी सीएम को चिट्ठी

किसके इशारे पर देवघर उपायुक्त ने हटाया निशिकांत दूबे का नाम ?
किसके इशारे पर देवघर उपायुक्त ने हटाया निशिकांत दूबे का नाम ?

देवघर एम्स के उद्घाटन समारोह में गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे का नाम आमंत्रित लोगों की सूची में शामिल न होने का मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। प्रदेश भाजपा का कहना है कि उपायुक्त ने सरकार के इशारे पर निशिकांत दूबे का नाम हटाया है। वहीं इस मामले पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर तत्काल हस्क्षेप की मांग की है ।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाने की परंपरा रही है- बाबूलाल

बाबूलाल मरांडी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि झारखण्ड के लिए गौरव की बात है कि केन्द्र सरकार ने देवघर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना कर यहाँ के लोगों के लिए तोहफा दिया है और अब 26 जून को नवनिर्मित AIIMS, देवघर में O.P.D का उद्घाटन होना प्रस्तावित है। सरकारी योजना के किसी भी कार्यक्रम शिलान्यास / उद्घाटन में स्थानीय सांसद एवं विधायक विधिवत आमंत्रित किए जाते हैं। लोकतंत्र में यह परम्परा चले आ रही है एवं स्थानीय सांसद / विधायक का विशेषाधिकार भी है । लेकिन आपके नेतृत्व में चल रही सरकार ने इस लोकतांत्रिक व्यवस्था चली आ रही परम्परा को ही तोड़ने का काम कर रही है। किसी भी सरकार ने इस तरह का कार्य अभी तक नहीं किया है।

देवघर उपायुक्त गलत कर रही हैं- बाबूलाल

बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा है कि जैसा कि जानकारी मिली है Covid Protocol की वजह से पाँच ही लोगों को AIIMS, O.P.D उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहने की स्वीकृति दी जा रही है । जिसमें स्थानीय सांसद को सशरीर उपस्थित रहने का आमंत्रण नहीं दिया गया है, जो सामान्य शिष्टाचार के प्रतिकुल है। केन्द्र सरकार की किसी भी संस्था के उद्घाटन कार्यक्रम में अतिथियों के नाम संबंधित मंत्रालय या संस्था तय करती है, लेकिन उक्त कार्यक्रम में राज्य सरकार / देवघर जिला उपायुक्त अतिथियों के नाम तय कर रही है, जो एक गलत और अलोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरूआत होगी।

कहीं गलत परंपरा की शुरुआत न हो जाए ?

बाबूलाल ने लिखा है कि यदि ऐसा होता है तो एक गलत परम्परा की शुरूआत होगी जो भविष्य के लिए उदाहरण बन जाएगा और आनेवाली सरकार भी इसी नक्शे कदम पर चलने के लिए मजबूर होगी। देवघर AIIMS के O.P.D उद्घाटन कार्यक्रम में देवघर उपायुक्त द्वारा अतिथियों का नाम पक्षपातपूर्ण तरीके से तय करते हुए स्थानीय सांसद को कार्यक्रम में सशरीर उपस्थिति से रोकना सांसद के अधिकार का हनन भी है।

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