रांची। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने कहा कि झारखण्ड को डायन हत्या एवं डायन कुप्रथा से मुक्त करने हेतु झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा चलाई जा रही गरिमा परियोजना काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्कूलों में कक्षा 1 से 8 के बच्चों के पाठ्यक्रम में इस कुप्रथा से जागरूक करने हेतु एक अध्याय जोड़ना काफी सहायक होगा। वे गरिमा परियोजना के प्रथम राज्य स्तरीय संयुक्त समीक्षा बैठक में उपस्थित एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से जुड़े विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मनीष रंजन ने कहा कि गरिमा परियोजना सब के सम्मिलित सहयोग से ही जमीनी स्तर पर कार्य कर सकेगा। डायन हत्या से संबंधित मामलों में मुख्यता आपसी रंजिश, ओझा गुनी जैसी बातें सामने आती रही हैं। जमीन हथियाने के लिये भी इसका कई मामलों में इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुंबई में भी इस तरह की परियोजना पर कार्य हुआ है और वहां से इस कुप्रथा का उन्मूलन हुआ। राज्य में भी कमोबेश वैसी ही परिस्थितियां हैं, लेकिन यहां भाषाई असमानताएं होने के कारण काफी दिक्कत आती रहीं है। उन्होंने कहा कि आम लोग समाचार पत्रों में ही इस तरह की खबरों से रूबरू होते हैं, लेकिन हमारे यहां जो फील्ड वर्कर हैं इस तरह की घटनाओं से खुद ही रूबरू होते हैं, जो बहुत ही मार्मिक होते हैं।
झारखण्ड राज्य आजीविकी संवर्धन सोसायटी की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नैन्सी सहाय ने कहा कि गरिमा परियोजना अप्रैल 2020 से शुरू की गई थी। इसका लक्ष्य मार्च 2023 तक राज्य से पूर्णता डायन कुप्रथा का उन्मूलन करना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य डायन प्रथा से प्रताड़ित महिलाओं को बचाना उनके लिये आय का स्त्रोत सृजित करना है। इसके लिये उन्हें लाइवलीहुड एक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है एवं उनके क्षमता निर्माण का भी कार्य किया जा रहा है।
सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि विभाग द्वारा जेएसएलपीएस के साथ मिलकर आईईसी एक्टिविटी करके आम लोगों तक इसके लिए जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही ग्रीवांस रजिस्ट्रेशन और उनके ससमय निरारकरण पर भी विभाग कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ- साथ सोशल मीडिया, सक्सेस स्टोरी और डॉक्युमेंट्रीज के द्वारा भी लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषाओं में नुक्कड़ नाटक का प्रयोजन कर, ब्रांड अंबेसडर को चुनकर जो इस तरह के मामलों के विरूद्द बोल सके, उन्हें शिक्षित करने का कार्य भी किया जा रहा है।