वनरक्षियों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन सातवें दिन भी जारी
गिरिडीह – झारखंड के वनरक्षी पिछले एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। यह धरना प्रदर्शन 16 अगस्त 2024 से शुरू हुआ और आज सातवें दिन भी जारी है। वनरक्षियों के धरना प्रदर्शन का कारण झारखंड सरकार द्वारा 7 अगस्त 2024 को की गई एक महत्वपूर्ण संशोधन का विरोध है।
झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन कर झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2024 बनाई गई है, जिसके तहत वनपाल के शत प्रतिशत पदोन्नति को 50% पर घटाकर सीधी नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के विरोध में राज्य के सभी 24 जिलों के वनरक्षी 16 अगस्त से धरना प्रदर्शन में शामिल हैं।
धरना प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष संदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि वनरक्षी नियुक्ति के समय लागू पदोन्नति संबंधी सेवा शर्त को पुनः लागू करने की मांग कर रहे हैं। 20 अगस्त 2024 को वन सचिव, विभागाध्यक्ष पीसीसीएफ और संघ के महामंत्री मनोरंजन कुमार के साथ हुई शिष्टमंडलीय वार्ता में विभागीय सचिव ने गोलमोल जवाब दिया और संशोधन को वापस लेने के संदर्भ में कोई संतोषजनक पहल नहीं की गई।
संदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि वनरक्षी पिछले सात वर्षों से प्रभारी वनपाल के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन बिना किसी आर्थिक लाभ के। इनकी जान-माल की सुरक्षा भी हमेशा संकट में रहती है। संघ ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक से कई बार गुहार लगाई है, लेकिन सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
जिलामंत्री संजय कुमार महतो ने कहा कि वनरक्षियों को मुख्यमंत्री पर आशा है और वे उनसे मिलना चाह रहे हैं। संघ के ज्वाइंट सेक्रेट्री बिरेंद्र प्रसाद ने चेतावनी दी कि धरना प्रदर्शन के दौरान झारखंड के जंगलों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा संकट में है। वन अपराधियों द्वारा जंगलों की लूट और हाथी-मानव द्वंद्व बढ़ने के साथ-साथ जंगल की भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है। वन संपदा की क्षति लगातार बढ़ रही है और प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
संघ का कहना है कि पर्यावरण की स्थिति को देखते हुए सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। वे मानते हैं कि वनरक्षी और वनपाल जंगलों के विकास, संवर्धन और सुरक्षा के लिए तत्पर हैं, लेकिन सरकार और विभाग को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए। धरना प्रदर्शन में उपाध्यक्ष कुमार मंगलम, नीरज कुमार, पंकज कुमार, रोहित कुमार, अमित कुमार और संजय पंडित भी शामिल हैं।