न्यूयॉर्क:
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने क्लासिक स्टाइल में पाकिस्तान को ऐसी ‘इज्जत’ दी, जैसी पाकिस्तान खुद अपने मुल्क में नहीं करता।
पहल्गाम आतंकी हमले के बाद पूछे जाने पर ट्रंप ने हंसते हुए कहा:
“वो कल का हमला बहुत बुरा था… बहुत बुरा… लेकिन भारत और पाकिस्तान खुद ही निपट लेंगे।“
मतलब साफ था — “हमें नहीं फुर्सत तुम्हारे जैसे भीखमंगे देश के झगड़ों में पड़ने की।”
अमेरिका भी उकता चुका है पाकिस्तान से
ट्रंप ने आगे कहा कि:
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“भारत और पाकिस्तान हजार साल से लड़ रहे हैं… शायद उससे भी ज्यादा!“
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“जैसे पहले सड़ते रहे, वैसे ही अब भी सड़ते रहेंगे… खुद ही सुलझा लेंगे।“
(अनकही बात: ‘हमें क्यों अपना टाइम वेस्ट करना बेकार देश पर?’)
मतलब, पाकिस्तान के आतंकवादी export और toddler जैसे नाटकों को देखकर अब अमेरिका भी थककर बैठ चुका है।
वैसे भी पाकिस्तान अब अमेरिका के लिए वही है जो रेलवे स्टेशन पर चिपकने वाला भिखारी —
ना पूछो, ना बुलाओ, फिर भी आकर पकड़ेगा।
पाकिस्तान का रोने वाला रिकॉर्ड फिर से बजा
जैसे ही पहल्गाम हमला हुआ और भारत ने गरजना शुरू की, पाकिस्तान predictably:
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“हम न्यूक्लियर बम फोड़ देंगे!”
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“हम सिंधु नदी पर युद्ध कर देंगे!”
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“हम पूरी दुनिया को चिल्ला के बताएंगे!”
(Reality check: कोई सुन नहीं रहा।)
पाकिस्तान एक बार फिर साबित कर रहा है कि जब दिमाग से दिवालिया हो और जेब से भी, तब बस धमकी ही बचती है।
ट्रंप का Mood:
अगर सच में ट्रंप के शब्दों का अनुवाद दिल से करें, तो मतलब निकलेगा:
“भाई भारत, तुम खुद देख लो… और पाकिस्तान को भी एक लात मार देना अगर ज्यादा भौंके। हमारे पास और भी जरूरी काम हैं।“
सच्चाई:
पाकिस्तान अब ऐसा बन चुका है:
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बिकाऊ आतंक का सुपरमार्केट
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भीख का CEO
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दुनिया भर में जलील होने का ब्रांड एम्बेसडर
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न्यूक्लियर धमकी देने वाला रोता बच्चा
और भारत? धैर्य से देख रहा है कि कब दुनिया खुद पाकिस्तान को एक ‘दंड पत्रिका’ में डाल दे।