जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने देश में जनजातीय समाज के बीच कोविड टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान में जनजातीय कार्य मंत्रालय की इकाई ट्राइफेड, डब्लूएचओ, यूनिसेफ और स्वयं सहायता समूह(SHG)शामिल होंगे ।

अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्प हैं।उन्होंने जिस प्रकार से वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर तैयारी में हर प्रकार से लोगों की साझेदारी का आह्वान किया है, उसमें यह अभियान भी शामिल है।
राजनीतिक वजहों से वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाया गया
उन्होने कहा कि देश में साढ़े दस करोड़ जनजातीय आबादी है। टीकाकरण को लेकर इस समाज में राजनीति के तहत भ्रम फैलाया गया है।अब उनके बीच इस प्रकार के जागरूकता अभियान के माध्यम से न केवल हमें उनका भ्रम दूर करना है, बल्कि उनके साथ जुड़ने का अवसर भी है।जब हम इस अभियान के साथ जुड़ेंगे तो उनके स्वास्थ्य के साथ साथ उनकी आजीविका के बारे में भी जानेंगे। उनसे मिलना उन्हें अच्छा लगेगा कि हम उनका हालचाल लेने आये हैं। हम सिर्फ पोस्टर और अन्य प्रचार माध्यमों से नहीं बल्कि उनके दिल से जुड़ें।इस दौरान हमारा व्यवहार आत्मीयता के साथ हो।हमें इस बात का विशेष ध्यान देना है कि यह अभियान सफल हो।
आदिवासी समाज से 50 लाख कोरोना वारियर्स बनाने का लक्ष्य
इस अभियान के माध्यम से देश के जनजातीय बहुल गांवों में 50 लाख कोरोना वारियर्स बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वेबिनार में दोनों राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता, विश्वेश्वर टुडू, इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, WHO के भारत के प्रतिनिधि डॉ रोड्रिको ऑफरीन, UNICEF के भारत के प्रतिनिधि डॉ यास्मीन हक़, ट्रायफेड के एमडी प्रवीण कृष्णा, बस्तर और मांडला के डीएम समेत अनेक लोग उपस्थित थे।