
रांची : टीएसी नियमावली में छेड़छाड़ और टीएसी के गठन के विरोध में देवकुमार धान के नेतृत्व में एक बैठक हुई । इस बैठक में देवकुमार धान ने कहा कि झारखण्ड सरकार पिछले 70 सालों से आदिवासियों को दिए गये पांचवी सूची के अधिकार के साथ छेड़छाड़ कर रही है। हेमन्त सोरेन बताएं कि आखिर उन्हें टीएसी की नियमावली बदलने की जरुरत क्यों पड़ी ? आखिर उन्होने नियमावली बदलकर खुद को टीएसी में सर्वोसर्वा कैसे बना लिया ?
TAC नियमावली में छेड़छाड़ दुखदः देवेंद्र नाथ चंपिया
इस दौरान बिहार के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ चंपिया ने कहा की झारखंड सरकार द्वारा टीएसी की नियमावली से छेड़छाड़ करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद है, उन्होंने कहा कि टीएसी की नियमावली से छेड़छाड़ किया जाना काफी गंभीर मामला है ।
पांचवी अनुसूची में छेड़छाड़ आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा
बैठक में आदिवासी नेता देव कुमार धान ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के 70 वर्षों बाद तक पांचवी अनुसूची के राज्यों में यही नियम चलता रहा है, परंतु छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने संविधान में दिए गए नियमों का उल्लंघन कर टीएसी की नियमावली बनाई गई है और टीएसी का गठन किया गया है। यह आदिवासियों को संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है और पांचवी अनुसूची को खत्म करने की एक साजिश है । जिसे आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।