सेलम: तमिलनाडु में पुलिस ने आज एक ऐसे बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो पिछले तीन वर्षों में 30 से अधिक बच्चों का अपहरण कर उन्हें बिना संतान वाले अमीर दंपत्तियों को बेच चुका था।
सेलम के नारासोथीपट्टी निवासी मोहनराज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान यह मामला सामने आया। जांच में पता चला कि उसने एरोड से एक बच्चा खरीदा और सेलम में बेच दिया।
मोहनराज की पत्नी नागासुंदा भी इस गिरोह में शामिल थी। पुलिस ने जब गहराई से छानबीन की तो एरोड की तीन महिलाओं—परवीन बानो, पद्मावती और श्रीदेवी—से पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह ने तीन साल में तीन बच्चों को मोहनराज के जरिए खरीदा और बेचा।
इस रैकेट का नेटवर्क सेलम, एरोड, नामक्कल, करूर, तिरुप्पुर, कोयंबटूर, धर्मपुरी और कृष्णागिरी जिलों तक फैला था। बच्चों को गरीब और जरूरतमंद परिवारों से खरीदा जाता था और लाखों रुपये में बेचा जाता था।
गिरफ्तार आरोपियों में मोहनराज, नागासुंदा, परवीन, पद्मावती, जनार्दनन और श्रीदेवी शामिल हैं। सभी को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि बच्चों को किन परिवारों से खरीदा गया और किन लोगों को बेचा गया।
भारतीय कानून के तहत कानूनी रूप से गोद लेना संभव है, लेकिन गिरोहों के माध्यम से बच्चों की खरीद-फरोख्त एक गंभीर अपराध है।