तालिबान चुन-चुन कर मीडियाकर्मियों को निशाना बना रहा है। अफगानिस्तान में ताैलिबान का शासन आने के बाद अबतक कुल 13 पत्रकारों को जान से हाथ धोनी पड़ी है । ताजा मामला अफगानिस्तान के सबसे बड़े न्यूज़ नेटवर्क टोलो न्यूज के पत्रकार जियार याद की पीट-पीट कर हत्या करने की है। वे देश में बेरोजगारी और गरीबी की खबरें रिपोर्ट करते थे। तालिबानी आतंकियों ने उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी।
जियार याद की हत्या पर टोलो न्यूज ने क्या कहा ?
चैनल का कहना है कि जियार और कैमरामैन काबुल के हाजी याकूब इलाके में गरीबी और बेरोजगारी के संकट पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। इसी दौरान तालिबानी आतंकियों ने हमला किया और जियार याद की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इससे पहले जुलाई में तालिबान ने भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की भी हत्या कर दी थी। वह रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के लिए काम कर रहे थे।
मीडिया या टीवी इंडस्ट्री में महिलाओं के काम करने की हो चुकी है मनाही
तालिबान ने काबुल पर कब्जे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वे महिलाओं की शिक्षा और महिलाओं की आजादी का विरोध नहीं करते लेकिन ये सब शरीयत के अनुसार होगा। तालिबान ने यह भी कहा था कि वे टीवी या न्यूज़ इंडस्ट्री में महिलाओं के काम करने के विरोधी नहीं हैं। लेकिन इतने दिनों बाद भी महिलाओं को टीवी न्ूज इंडस्ट्री में काम करने नहीं दिया जा रहा। अफगानिस्तान के मीडियाकर्मियों में दहशत है। महिला कर्मी अब भी अपने घरों में हैं क्योंकि उन्हे अपने दफ्तर जाने की इजाजत नहीं दी गई है।