Tuesday 16th of September 2025 03:28:18 PM
HomeBreaking Newsमुख्यमंत्री की पहल पर उगा सूर्याबेड़ा गांव में विकास का सूर्य

मुख्यमंत्री की पहल पर उगा सूर्याबेड़ा गांव में विकास का सूर्य

जंगलों के बीच बसे गांव में बिजली आने से खुशी
जंगलों के बीच बसे गांव में बिजली आने से खुशी

रांची/जमशेदपुरः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 कि.मी दूर घने जंगल और पहाड़ की तलहटी में बसा सूर्याबेड़ा गांव अब विकास से अछूता नहीं रहा। सूर्याबेड़ा गांव में 52 परिवार आजादी के सात दशक बाद भी विकास योजनाओं से वंचित थे। ग्रामीणों को मुख्यधारा से जुड़ने में आनेवाली समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को आवश्यक निर्देश दिया था।

बिजली आई, चहकने लगा बचपन, होने लगी पढ़ाई

सूर्याबेड़ा गांव शाम होने के बाद अंधकार में समा जाता था तथा जहां ढिबरी-बाती ही रात में पढ़ाई करने के लिए बच्चों के पास एकमात्र विकल्प था, उस गांव में बिजली पहुंचने से बच्चे बल्ब की रोशनी में पढ़ाई कर पा रहें हैं। ग्रामीण कहते हैं कि बिजली पहुंचने से पहले संध्या होने के बाद न तो कोई ग्रामीण गांव से निकलना चाहता था और ना ही कोई प्रखंड मुख्यालय से गांव की ओर आता था। गांव में बिजली पहुंचने से पहले शाम ढलते ही सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद होने को विवश थे, लेकिन अब स्ट्रीट लाईट लग जाने से बच्चे-बुजुर्ग सभी रात में भी घर के बाहर बैठकर एक दूसरे के साथ समय व्यतीत कर पाते हैं।

स्कूल और सड़क आने से बच्चियों के जीवन में खुशियां
स्कूल और सड़क आने से बच्चियों के जीवन में आई खुशियां

योजनाओं का भी ग्रामीणों को दिया जा रहा लाभ

ग्रामीणों को प्रतिदिन 30 मानव दिवस का सृजन करते हुए ग्रामीणों को मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। गांव में सिंचाई कूप, चापाकल, विधायक निधि से 1500 फीट पीसीसी पथ का निमाण पूर्ण हो गया है। वहीं 500 फीट का पीसीसी पथ भी 15वें वित्त आयोग से स्वीकृत है। मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण का भी लाभ ग्रामीणों को दिया गया है।

सड़क भी की गई सुदृढ़

सूर्याबेड़ा गांव तक जानेवाली सड़क का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। पेजयल की समस्या को देखते हुए डीप बोरिंग, चापाकल एवं सिंचाई कूप का निर्माण मनरेगा योजना के अन्तर्गत कराया गया है। दीदीबाड़ी योजना के अन्तर्गत उक्त गांव में सब्जी की खेती भी कराई जा रही है। रोजगार के लिए सभी ग्रामीणों का मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाया गया है, ताकि सभी को अपने पंचायत एवं गांव में ही रोजगार मिल सके।

बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया

सूर्याबेड़ा गांव के करीब 60 फीसदी बच्चों को कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराते हुए उच्च शिक्षा से जोड़ा गया है। साथ ही, वर्तमान में गांव में ही रहकर पढ़ाई करनेवाले बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनके द्वारा खेल प्रतियोगिता की शुरूआत की गई, जो समय-समय पर करायी जा रही है।

 

मुख्यमंत्री के आदेश से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर विकास योजनाओं से आच्छादित करने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है। हर क्षेत्र में विकास योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। सूर्याबेड़ा गांव का विकास सभी क्षेत्र के लिए रोल मॉडल होगा।

सूरज कुमार, उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

wpChatIcon
wpChatIcon