झारखंड कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की पार्टी में वापसी हो रही है। झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। प्रदीप बलमुचू को लेकर तो पहले भी कोई विरोध नहीं था, लेकिन रामेश्वर उरावं सुखदेव भगत की वापसी में रोड़ा बने हुए थे। लेकिन रामेश्वर उरावं के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटते ही सुखदेव भगत की वापसी भी सुनिश्चित हो गई।
सुखदेव भगत की वापसी में डॉ. अजय कुमार ने निभाई भूमिका
ये सच है कि रामेश्वर उरावं सुखदेव भगत की वापसी का विरोध कर रहे थे. इसका कारण है लोहरदगा की स्थानीय राजनीति। रामेश्वर उरावं लोहरदगा के विधायक हैं । उन्होने सुखदेव भगत को ही हराया है। इसके अलावा भी ऐसे की कारण हैं जिससे रामेश्वर उरावं किसी भी कीमत पर सुखदेव भगत को कांग्रेस में वापस नहीं आने देना चाहते थे। उन्होने अपनी ओर से जोर भी लगाया. लेकिन एक और पूर्व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने उनकी वापसी में मदद की. उन्होने दिल्ली में सुखदेव भगत के लिए कई मुलाकातें की, आलाकमान को समझाया।
आरपीएन सिंह ने भी दिये संकेत
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने अपने रांची के दौरे के दौरान भी संकेत दिए कि पार्टी को मजबूत करने के लिए कुछ पुराने कार्यकर्ताओं की घर वापसी हो सकती है. हालांकि उन्होने नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा इन्ही दो नेताओं को लेकर था।
दो पूर्व अध्यक्षों की हो चुकी है पार्टी में वापसी
डॉ अजय कुमार ने पहले अपने पद से इस्तीफा दिया और फिर बाद में पार्टी के प्रदेश स्तर के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगा कर पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया था । लेकिन कुछ दिनों पहले ही डॉ अजय कुमार दोबारा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लिया । दूसरी ओर झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सरफराज अहमद ने भी इस्तीफा देकर जेएमएम से चुनाव लड़ा था ।
प्रदीप बलमुचू ने पार्टी से बगावत कर आजसू पार्टी के टिकट पर जबकि सुखदेव भगत ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और दोनों हार गये थे । हारने के बाद से ही दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था । जिसे प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के जरिये केंद्रीय आलाकमान के पास पहुंचा दी गयी थी ।