झारखंड सरकार ने शुक्रवार को राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की, जिससे सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड विधानसभा के सभागार में किया गया।
योजना के मुख्य बिंदु
- योजना के तहत राज्य सरकार के कर्मियों, पेंशनरों, झारखंड विधानसभा के सदस्यों, पूर्व सदस्यों, विश्वविद्यालय शिक्षकों और कर्मचारियों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा।
- गंभीर बीमारियों की स्थिति में बीमा राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दी जाएगी।
- विशेष परिस्थिति में मरीज को एयर एंबुलेंस और वायुयान यात्रा की सुविधा भी मिलेगी।
- सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए टाटा एआईजी (Tata AIG) बीमा कंपनी का चयन किया है।
- झारखंड के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों को योजना में शामिल किया जाएगा।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
राज्य सरकार द्वारा संचालित इस योजना के लाभार्थी निम्नलिखित होंगे:
✔ राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारी
✔ राज्य पेंशनभोगी और सेवानिवृत्त कर्मी
✔ झारखंड विधानसभा के वर्तमान और पूर्व सदस्य
✔ झारखंड विश्वविद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी
✔ राज्य के सरकारी उपक्रमों के कर्मी
गंभीर बीमारियों के लिए अतिरिक्त सहायता
अगर किसी लाभार्थी को गंभीर बीमारी हो जाती है, तो सरकार बीमा राशि 10 लाख रुपये तक बढ़ा सकती है। इसके अलावा, यदि किसी कर्मचारी को तुरंत बेहतर इलाज की जरूरत होती है, तो उसे एयर एंबुलेंस और वायुयान यात्रा की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम – सरकारी स्कूलों को मिलेगा टैब
राज्य सरकार ने शिक्षा सुधार के लिए टैब वितरण योजना की भी शुरुआत की। इस योजना के तहत राज्य के 28,945 प्राथमिक विद्यालयों को टैबलेट वितरित किए जाएंगे।
इस योजना के तहत:
📌 प्राथमिक विद्यालयों में 30 या अधिक छात्रों की उपस्थिति होने पर उन्हें टैब मिलेगा।
📌 शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति, रिपोर्टिंग, ऑनलाइन प्रशिक्षण और डिजिटल शिक्षण के लिए टैब का उपयोग किया जाएगा।
📌 शिक्षकों के लिए हर साल 50 घंटे का अनिवार्य प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह कदम झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने में मदद करेगा और छात्रों को आधुनिक तकनीक से पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।
पिछले 5 वर्षों में झारखंड की राजस्व वृद्धि
राज्य सरकार की नई योजनाओं को लागू करने के लिए वित्तीय स्थिति को मजबूत किया गया है। पिछले 5 वर्षों में झारखंड का राजस्व कर संग्रह 58,417 करोड़ से बढ़कर 87,928 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
✔ 2019-20 में कुल राजस्व – 58,417 करोड़ रुपये
✔ 2023-24 में कुल राजस्व – 87,928 करोड़ रुपये
इस वृद्धि से साफ है कि झारखंड सरकार ने अपने स्रोतों से अधिक राशि वसूलने में सफलता पाई है और सरकार की योजनाओं को वित्तीय मजबूती मिल रही है।