नई दिल्ली/ रांची। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर निशिकांत दूबे, उनकी पत्नी व परिवार को तंग व परेशान करने के लिए झूठे केस में फँसाकर बदनाम कर रही है । सर्वोच्च न्यायालय ने सांसद निशिकांत दूबे की पत्नी द्वारा एलोकेसी धाम जमीन खरीद मामले में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई है।
विष्णुकांत झा और किरण देवी ने किसके इशारे पर दर्ज कराया था केस ?
विष्णुकांत झा व किरण देवी के द्वारा दर्ज कराए गए केस में हाइकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने चुनौती थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सिविल मामला मानते हुए राज्य सरकार की दलील को खारिज कर दी। कोर्ट ने सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि इस मामले को कैसे आपराधिक मामला माना जा सकता है ? राज्य सरकार के द्वारा एसआईटी गठित का जांच कराने की दलील दी गयी थी।
हाईकोर्ट ने भी किया था ख़ारिज
सांसद और उनकी पत्नी के खिलाफ देवघर जिला प्रशासन ने टाउन थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी. कहा था कि एलोकेसी धाम की जमीन की खरीद को कपटपूर्ण तरीके से खरीदा गया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. प्राथमिकी के लिए दिये गये आवेदन में क्रेता, विक्रेता और पहचानकर्ता के अलावा गवाहों के ऊपर भी कार्रवाई की मांग की गयी थी.
टाउन थाना देवघर ने आइपीसी की धारा 420 , 406 , 467 , 468 471 और 120 (B) तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इस मामले की जांच जारी थी. देवघर डीसी के आदेश के बाद इस जमीन का निबंधन भी रद्द कर दिया गया था. राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी. साथ ही इस केस में सुप्रीम कोर्ट में अपील लेकर गयी थी. इससे पहले झारखंड हाइकोर्ट ने भी इस केस को खारिज कर दिया था.