
रांची : भारत सरकार के कोयला मंत्रालय और कोल इण्डिया लिमिटेड ने कोयला खदानों में जमा पानी के सदुपयोग की व्यापक योजना बनायी है। लेकिन इनपर अमल जी ज़िम्मेवारी राज्य सरकार की एजेंसियों पर है और इस वजह से इन योजनाओं के क्रियान्वयन की गति अत्यंत धीमी है। झारखण्ड के लिए स्थिति ज़्यादा तकलीफ़देह है क्योंकि राज्य सरकार और कोल इण्डिया के बीच इस सम्बंध में एमओयू भी हुआ है लेकिन करार के अनुपालन की गति अत्यंत धीमी है। राज्यसभा में सोमवार को सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी।
कोल इण्डिया की तय है कार्य योजना, ज़रेडा और ज़िला प्रशासन को दिखानी होगी चुस्ती
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि झारखण्ड सरकार के साथ कोल इण्डिया ने दिनांक 30.10.2017 को एक एमओयू किया है ताकि झारखण्ड राज्य में बीसीसीएल के कमान क्षेत्र और अन्य प्रचालनरत सहायक कम्पनियों में सामुदायिक उपयोग के लिए खान जल का उपयोग किया जा सके । कुछ मामलों को छोड़कर ज़्यादातर मामलों में योजनाओं के क्रियान्वयन का दायित्व राज्य सरकार की एजेंसियों के पास है।