
गिरिडीह । जिले में अवैध सफेद पत्थर के तस्करों के खिलाफ वन विभाग ने कार्रवाई कर एक ट्रक को जब्त किया है। ट्रक में सफेद पत्थर अवैध रूप से लदा था, जिसकी लागत लाखों रुपये बताई जा रही है। इस मामले में विभाग ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । ये दोनों लोग बिहार के रजौली के रहनेवाले अशोक प्रसाद व सौरव कुमार हैं । वाहन मालिक सिकन्दर यादव अब भी गिरफ्त से बाहर है।
डीएफओ प्रवेश अग्रवाल को गुप्त सूचना मिली कि गावां वन क्षेत्र से सफेद पत्थर का अवैध उत्खनन कर ट्रक पर लादकर गिरिडीह जमुआ के रास्ते जामताड़ा ले जाया जा रहा है। इस सूचना पर वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए ट्रक को गिरिडीह जमुआ मुख्य मार्ग पकड़ लिया । इस पत्थर को कुछ फैक्ट्रियों में भी खपाया जाता है, जहां पर इसका पावडर बनता है । सफेद पत्थर लगे ट्रक के पकड़े जाने से एक बार फिर अवैध रूप से यहां खनन कार्य किए जाने का संकेत मिल रहा है।डीएफओ प्रवेश अग्रवाल को गिरिडीह वन क्षेत्र और वन भूमि से बाहर के क्षेत्र में अवैध रूप से सफेद पत्थर के खनन की शिकायतें मिल रही थी।

गिरिडीह जिले में सफेद पत्थर का काला कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फुल रहा है। क्वार्टर पत्थर का अवैध उत्खनन ज्यादातर वन भूखंड से किया जाता रहा है। दिन के उजाले में दिन-दहाड़े पत्थरों को तोड़ कर व खुदाई कर इकट्ठा करते हैं, फिर रात के अंधेरे में ट्रक से इन्हे ढोया जाता है। जिले में सफेद पत्थर का पावडर बनाने वाली 20-22 फैक्ट्रियां संचालित हैं। जबकी वैध खदान मात्र राज कुमार ओझा का है। इसमे खनन का काम कई माह से बंद पड़ा है। एक वैध खदान के भरोसे इतनी अधिक संख्या में फैक्ट्रियों को पत्थर की आपूर्ति की जाती है।
डीएमओ सतीश नायक भी यह मानते है कि जिले में एक ही खदान है जबकि 20 से अधिक फैक्ट्रियां संचालित हैं । सूत्रों ने बताया कि जिले में जो खदान संचालित हैं, उससे खनन का काम कई माह से बंद पड़ा है । अब सवाल उठ रहा है कि खनन बंद है तो ट्रकों को पत्थर कहां से मिल रहा है। जिले के विभागीय अधिकारी आखिर क्यों कार्रवाई से कतराते हैं।

