लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के आसपास वन विभाग को बाघ आने के संकेत मिले हैं। प्रखंड के महुआपाट गांव के ग्रामीणों के अनुसार, एक माह से बाघ इन क्षेत्रों में आतंक मचाये हुए है। इस अवधि में बाघ ने छह से अधिक पशुओं को मार डाला। कई बार ग्रामीणों ने बाघ को देखा है। वन विभाग के मुख्यालय ने अधिकारियों को इसपर नजर रखने का निर्देश दिया है। इसके लिए आसपास के इलाके में ट्रैप कैमरा लगाया गया है। वन विभाग को इसी इलाके में बाघ के पग मार्क (पैरों के निशान) भी मिले हैं। इसको प्लास्टर ऑफ पेरिस का रहे हैं, कहीं वह तेंदुआ तो नहीं ? इसपर ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने बाघ ही देखा है। बाघ के शरीर पर धारी का निशान होता है, जबकि तेंदुआ के शरीर पर गोलाकार निशान होता है। इसके लिए वन विभाग ने आसपास के इलाके में ट्रैप कैमरा लगाया है। बताते चले कि लोहरदगा का वन क्षेत्र लातेहार जिले के बेतला वनप्रक्षेत्र से सटा हुआ है, शायद यही वजह होगा कि बेतला रेंज का बाघ लोहरदगा मे वन विभाग की लापरवाही से विचरण करते प्रवेश कर गया होगा। फिलहाल वन विभाग हरकत मंे आ गया है। ऐसे मंे जब तक बाघ वन विभागे के गिरफ्त मंे नहीं आ जाता है तब तक क्षेत्र मंे सनसनी का माहौल कायम रहेगा। इस तरह से अब जिला प्रशासन की भी जवाबदेही है कि बाघ को कैसे चारा देकर वन विभाग को सुपूर्द कराई जाय।
लोहरदगा में फैली सनसनी, बाघ ने छह पशुओं की ली जान, वन विभाग हुआ रेस, लगाये गये ट्रैप कैमरा
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