झामुमो के कद्दावर नेता सह पूर्व मंत्री साइमन मरांडी (74) नहीं रहे। कोलकाता के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। इस बात की पुष्टि झामुमो प्रखंड अध्यक्ष इशहाक अंसारी ने की। गौरतलब हो कि करीब एक महीने से तबीयत खराब होने की वजह से वो कोलकाता के अस्पताल में ही भर्ती थे।
मरांडी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। साइमन ने पहली बार 1977 में बतौर निर्दलीय मरांग मुर्मू को 149 मतों से हराकर लिट्टीपाड़ा का नेतृत्व किया था। बाद में उन्होंने शिबू सोरेन के साथ मिलकर झामुमो बनाया।
साइमन मरांडी ने पांच बार यहां से लगातार जीत हासिल की। 1989 में लोकसभा चले जाने के कारण साइमन ने यह सीट अपनी पत्नी सुशीला हांसदा को सौंप दी। वर्तमान में इस लिट्टीपाड़ा सीट से उनके पुत्र दिनेश विलियम मरांडी विधायक हैं।
छात्र जीवन से राजनीति की शुरुअात करने वाले साइमन ने पहली बार 1977 में बतौर निर्दलीय मरांग मुर्मू को 149 मतों से हराया था। बाद में उन्होंने शिबू सोरेन के साथ मिलकर झामुमो बनाया। 1989 में लोकसभा में चले जाने के कारण साइमन ने यह सीट अपनी पत्नी सुशीला हांसदा को सौंप दिया। सुशीला इस सीट पर 1990 से 2005 तक लगातार विधायक रहीं। इससे पूर्व इस सीट से रामचरण किस्कू ने तीन बार, सोम मुर्मू दो बार, बी मुर्मू व डाॅ. अनिल मुर्मू ने एक-एक बार प्रतिनिधित्व किया है।