सेनेगल के मध्य में स्थित छोटे से गाँव मबैके कादिओर में एक अनोखा मुस्लिम समुदाय रहता है, जिसे बाय फ़ॉल कहा जाता है। यह समुदाय पारंपरिक इस्लामिक प्रथाओं से अलग अपना विशिष्ट मार्ग अपनाता है। ये ना रोज़ा रखते हैं और ना ही हर दिन नमाज़ पढ़ते हैं, लेकिन उनकी इबादत और भक्ति का तरीका अनोखा और ध्यान आकर्षित करने वाला है।
शाम ढलने पर बाय फ़ॉल अनुयायी मस्जिद के बाहर छोटे-छोटे घेरों में इकट्ठा होते हैं। वे ‘साम फ़ॉल’ नामक पवित्र अनुष्ठान में भाग लेते हैं। इस दौरान आग की पृष्ठभूमि में झूमते और गाते हुए वे ईश्वर की प्रार्थना में डूब जाते हैं। उनके बहुरंगी कपड़ों पर आग की परछाई नाचती है, और उनका उत्साह देखते ही बनता है।
विशेषताएं जो बाय फ़ॉल को अलग बनाती हैं:
- बाय फ़ॉल, सेनेगल के प्रमुख मौराइड ब्रदरहुड का एक उप-समूह है।
- उनके कपड़े रंग-बिरंगे और पैचवर्क से सजे होते हैं, जो उनकी पहचान बन गए हैं।
- उनकी इबादत संगीत, नृत्य और सामूहिक भक्ति के माध्यम से होती है।
- वे हफ्ते में दो बार सामूहिक अनुष्ठान करते हैं, जो लगभग दो घंटे तक चलता है।
- वे अपने गुरु शेख अमादु बाम्बा और उनके अनुयायी इब्राहिमा फ़ॉल की शिक्षाओं को मानते हैं।
हालांकि, कुछ लोग उनके रीति-रिवाजों को पारंपरिक इस्लामिक प्रथाओं से भिन्न मानते हैं। फिर भी, बाय फ़ॉल समुदाय की अनूठी परंपराएं और उनकी भक्ति का तरीका उन्हें सेनेगल और पश्चिमी अफ्रीका में एक खास पहचान दिलाता है।