मुंबई: पंजाब की एक अदालत ने स्वयंभू ईसाई उपदेशक बाजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया, घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और बाद में उसे ब्लैकमेल किया।
कौन हैं बाजिंदर सिंह?
बाजिंदर सिंह एक लोकप्रिय प्रचारक हैं, जिनके सोशल मीडिया पर लाखों अनुयायी हैं। वे अपने इवेंजेलिस्ट स्टाइल के प्रचार और चमत्कारी “हीलिंग” के दावों के लिए जाने जाते हैं। उनका चर्च, ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’, पंजाब के सबसे बड़े निजी चर्चों में से एक है और दुनिया भर में इसकी शाखाएँ होने का दावा किया जाता है।
उनके यूट्यूब चैनल पर तीन मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं, और उनके प्रचार कार्यक्रमों में हजारों लोग शामिल होते हैं। कई वीडियो में वे अपने अनुयायियों पर हाथ रखकर बीमारियों को ठीक करने और धन-संपत्ति दिलाने के दावे करते देखे जा सकते हैं।
अदालत का फैसला और अन्य आरोप
मंगलवार को अदालत ने 2018 के बलात्कार मामले में उन्हें दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पीड़िता के वकील अनिल सागर ने इसे “उदाहरणीय सजा” बताया और कहा,
“ऐसे मामलों में नरमी अपराधियों को बढ़ावा देती है, खासकर जब प्रभावशाली लोग कमजोर वर्गों का शोषण करते हैं।”
सिंह के वकीलों ने अभी तक इस फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वे उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
इसके अलावा, दो अन्य महिलाओं ने भी उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। फरवरी में, एक पूर्व शिष्या की शिकायत पर पुलिस ने जाँच शुरू की, और कुछ दिनों बाद एक अन्य महिला ने भी प्रार्थना सत्र के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया है।
विवाद और कानूनी जांच
सिंह के चर्च आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों से भी घिरे हुए हैं। जनवरी 2024 में, आयकर विभाग ने उनके चर्चों की जाँच की थी।
मूल रूप से हरियाणा के एक हिंदू परिवार में जन्मे बाजिंदर सिंह ने करीब 15 साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका यह परिवर्तन जेल में रहते हुए हुआ, जब वे एक हत्या के मामले में बंद थे। हालांकि, उन्होंने इस बारे में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है।
उनकी वेबसाइट के अनुसार, वे खुद को “भविष्यवक्ता” (Prophet) बताते हैं और पवित्र जल और तेल से लोगों को ठीक करने का दावा करते हैं। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को “प्रतिद्वंद्वी पादरियों की साजिश” बताया है, लेकिन अदालत का यह फैसला उनके भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

