सरयू राय पर एफआईआर का मामला पकड़ रहा है तूल: कांग्रेस नेता अजय कुमार और मंत्री बन्ना गुप्ता की प्रतिक्रियाएं
रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद से यह मामला राजनीति में उबाल ले चुका है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि राय और उनके सहयोगियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आहार पत्रिका के मुद्रण और प्रकाशन में अवैध तरीके से 3 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ उठाया है।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय कुमार ने सरयू राय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, सरयू राय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुली चुनौती दी है।
मंत्री बन्ना गुप्ता का आरोप: ग्रामिया एनजीओ के जरिए हुए घोटाले
जमशेदपुर दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज कराने वाले मनोज सिंह का संबंध सरयू राय के करीबी सहयोगी ब्रिज किशोर से था। गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरयू राय और ब्रिज किशोर ने मिलकर गुमला में ग्रामिया नामक एनजीओ बनाया, जिसके माध्यम से कई घोटाले हुए हैं। गुप्ता का कहना है कि ये घोटाले अब उजागर होंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरयू राय के पास उनके विभाग की गोपनीय जानकारी कैसे पहुंची, यह एक बड़ा सवाल है।
डॉ. अजय कुमार का दावा: आहार नामक पुस्तिका का अस्तित्व नहीं
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय कुमार ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आहार नामक कोई पुस्तिका छपवाई ही नहीं गई है। कुमार ने कहा कि यदि कोई इस पुस्तिका का प्रमाण प्रस्तुत कर सके तो वह 10 हजार रुपये का पुरस्कार देंगे। इसके साथ ही, उन्होंने सरयू राय पर आरोप लगाया कि बाबा कंप्यूटर से संबंधित सामग्री को तिगुना कीमत पर खरीदा गया है।
सरयू राय की प्रतिक्रिया: खुली चुनौती
इस विवाद के बीच, जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोपों को नकारते हुए चुनौती दी है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को साबित किया जाए। राय ने मंत्री बन्ना गुप्ता और अन्य आरोपियों को कई सवालों के घेरे में लिया और कहा कि ये आरोप राजनीतिक बदला लेने की कोशिश हो सकते हैं।
इस मामले की गहराई और उसके राजनीतिक निहितार्थ पर नजर रखना अब आगे की घटनाओं पर निर्भर करेगा।