साहिबगंज अंतर्राज्जीय फेरी सेवा अगले आदेश तक बंद 

फेरी सेवा बंद होने से पैसेंजरों की परेशानी बढ़ी
फेरी सेवा बंद होने से पैसेंजरों की परेशानी बढ़ी

नीरज कुमार जैन/ब्यूरों

साहिबगंज । 8.52 करोड़ मे बंदोवस्ती के बाद भी फेरी सेवा पर लगा ग्रहण लग गया है। इसमे सबसे अधिक पसेंजर को खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। जानकारी रहे कि पिछले सप्ताह के गुरुवार को मालवाहक जहाज के असंतुलित हो जाने से आधे दर्जन पत्थर चिप्स लोड हाइवा ट्रक के साथ कई चालक, खलासी एवं यात्रियों के लापता होने की शिकायत है और तो और फेरीसेवा सूर्यास्त के बाद संचालन प्रावधान के विरुद्ध था फलतः सभी विंदुओं को ध्यान मे रख फेरीसेवा को बंद कर लापता हाइवा ट्रक व लापताओं की तलाश की जा रही है।

सासंद से लेकर विस मे उक्त मामला पर सीबीआई जांच की मांग की गई। फलतः दुर्घटना के बाद से ही मालवाहक जहाजों का परिचालन पूरी तरह से बंद है। लेकिन विभिन्न घाटो से मोटरयुक्त नावों से पत्थर चिप्स की ढुलाई बदस्तूर जारी है। उन्हीं नाव से यात्री भी जान हथेली पर लेकर आवागमण कर रहे है।

एक अप्रैल 2022 से नए टेंडर प्रक्रिया के तहत फेरी सेवा का संचालन होना था। जिसके लिए रोटेशन सिस्टम के तहत बीते 14 मार्च 2022 को बिहार के कटिहार जिला प्रशासन के द्वारा फेरी सेवा की बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी करवाई। खुली डाक प्रक्रिया में 8.52 करोड़ रुपए की अंतिम बोली के बाद प्राथमिकता के आधार पर नाव यातायात सहयोग समिति साहिबगंज ने फेरी सेवा की बंदोबस्ती प्राप्त किया। जानकारी के तहत टेंडर प्रक्रिया के साथ ही समिति के द्वारा कटिहार जिला प्रशासन को एक वर्ष के लिए डाक की पूरी राशि 8.52 करोड़ और संचालित होने वाले जहाजों के कागजातों को जमा भी करा दिया था, लेकिन कटिहार जिला प्रशासन के द्वारा नए वित्तीय वर्ष 2022- 23 एवं 2023-24 में फेरी सेवा के तहत जहाजों के संचालन के लिए जारी होने वाला परवाना निर्गत नहीं किया।

प्रावधान के तहत टेंडर लेने वाली समिति को 31 मार्च 2022 तक मे परवाना निर्गत हो जाना चाहिए था। जिससे नए वित्तीय वर्ष में बिना किसी व्यवधान के फेरी सेवा का संचालन हो सके। लेकिन प्रावधानों को दरकिनार कर संचालित फेरीसेवा बीते 24 मार्च 2022 की रात को मालवाहक जहाज दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण दर्शाते हुए नए वित्तीय वर्ष में फेरी सेवा के संचालन के लिए परवाना निर्गत नहीं किया गया है। सूत्रों की माने तो दुर्घटना की जांच रिपोर्ट के बाद ही परवाना निर्गत होने की संभावना है। वहीं कटिहार प्रशासन क्षतिग्रस्त जहाज को जल्द से जल्द पटना के सर्वेयर से जांच करवाने को कटिबद्ध है।

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