यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया शहर में रूसी ड्रोन हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। यह हमला शुक्रवार रात हुआ, जिसमें कुल 12 ड्रोन दागे गए। इस हमले में कई रिहायशी इमारतें, कारें और सामुदायिक भवन जलकर खाक हो गए।
ज़ापोरिज्जिया क्षेत्र के प्रमुख इवान फेदोरोव ने बताया कि मृतकों में एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल हैं। उनकी बेटी और पिता के शव मलबे से निकाले गए, जबकि डॉक्टरों ने 10 घंटे तक मां की जान बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।
रूसी हमले ऐसे समय में हुए जब यूक्रेन और रूस ने सशर्त युद्धविराम पर सहमति जताई थी। इस आंशिक युद्धविराम को लेकर दोनों पक्षों की अलग-अलग व्याख्याएँ हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद हुए इस समझौते में वाइट हाउस ने कहा कि “ऊर्जा और बुनियादी ढांचे” पर हमले रोके जाएंगे, जबकि क्रेमलिन का कहना है कि यह केवल “ऊर्जा ढांचे” तक सीमित रहेगा।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वे चाहते हैं कि रेलवे और बंदरगाहों को भी हमलों से सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने यह भी दोहराया कि वे ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 30-दिन के पूर्ण युद्धविराम के लिए तैयार हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ता तनाव
यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार, रूस ने शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक कुल 179 ड्रोन और डिकोय (छलावे) दागे, जिनमें से 100 को मार गिराया गया और 63 को इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से निष्क्रिय कर दिया गया। कीव और डिनिप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र में भी इन हमलों के कारण आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उनकी वायु सुरक्षा प्रणाली ने 47 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया। वहीं, दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में एक यूक्रेनी ड्रोन ने एक ऊंची इमारत को निशाना बनाया, जिससे छह अपार्टमेंट क्षतिग्रस्त हुए और दो लोग घायल हुए।
क्रेमलिन की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि यूक्रेन “धोखेबाज हमलों” के तहत रूसी ऊर्जा ढांचे को निशाना बना रहा है। रूस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि यूक्रेनी बलों ने कुर्स्क क्षेत्र में सुद्जा कस्बे के पास एक गैस मीटरिंग स्टेशन को विस्फोट से उड़ा दिया। हालांकि, यूक्रेन के सैन्य जनरल स्टाफ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह हमला रूसी सेना ने खुद कराया ताकि इसे यूक्रेन के खिलाफ प्रचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
इस संघर्ष के बीच, अमेरिका के सऊदी अरब में होने वाले शांति वार्ता दौर में रूस और यूक्रेन के साथ अलग-अलग तकनीकी चर्चाएं करने की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि यह युद्धविराम केवल कागजी समझौता साबित होता है या वास्तव में शांति की ओर कोई ठोस कदम उठाया जाता है।