आप चाहें तो इसे योगी आदित्यनाथ का असर कह सकते हैं, लेकिन हरिद्वार जिले के पौड़ी गढ़वाल के जिस सांसद को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई है, उससे देश के सेक्युलर गिरोह को झटका लग सकता है । करीब 13 वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे तीरथ सिंह रावत योगी आदित्यनाथ की तरह ही कड़क प्रशासक और हिंदुत्ववादी छवि वाले नेता हैं । पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह रावत का नाम प्रस्तावित किया था, जिसे सर्वसम्मति स्वीकार कर लिया गया ।
सतपाल महाराज के लिए कटा था टिकट
साल 2017 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए तीरथ सिंह रावत का टिकट काट दिया था । उस समय वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और चौबट्टाखाल के विधायक थे । रावत का टिकट काटकर कांग्रेस से आए नेता सतपाल महाराज को दे दिया गया था । तीरथ सिंह रावत खामोश रहें, उन्होंने कहा था कि भाजपा के संस्कार में विरोध नहीं है । यहां पद नहीं, दायित्व सौंपा जाता है ।
RSS की विचारधारा वाले खाँटी भाजपायी
तीरथ सिंह रावत संघ की पृष्ठिभूमि से बीजेपी की राजनीति में आने वाले नेता हैं । छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव रहा । संघ से जुड़े दायित्व निभाते हुए वह बीजेपी की मुख्यधारा की राजनीति में आए । पिछले चुनाव में गढ़वाल सीट से लगभग 2.85 लाख वोट से जीतकर सांसद चुने गए ।