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रोपवे हादसा: झारखंड सरकार ने कंपनी को किया ब्लैकलिस्ट और लगाया करोड़ों का जुर्माना

हादसे का विवरण

हाल ही में झारखंड के देवघर जिले में हुए रोपवे हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। यह दुखद घटना 10 अप्रैल 2023 को त्रिकुट पर्वत के पास हुई, जहां सैंकड़ों पर्यटक रोजाना प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं। हादसा उस समय हुआ जब एक केबल कार अचानक टूट गई, जिससे कारें ऊंचाई से गिरने लगीं। इस दुर्घटना में कुल 12 लोग घायल हुए और 8 लोगों की मौत हो गई।

हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना के बाद घटनास्थल पर अफरातफरी का माहौल था और लोगों में दहशत फैल गई। प्रशासन ने तुरंत इलाके को घेर लिया और घटना की जांच शुरू कर दी।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस हादसे का मुख्य कारण रोपवे की तकनीकी खराबी बताया जा रहा है। जांच अधिकारियों के अनुसार, केबल कार में लगी सुरक्षा प्रणाली में गंभीर खामियां पाई गई हैं। इसके अलावा, नियमित रखरखाव और निरीक्षण में भी लापरवाही बरती गई थी। यह भी सामने आया कि कंपनी के कर्मचारियों ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया, जिससे यह हादसा हुआ।

इस हादसे ने राज्य सरकार और प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है। झारखंड सरकार ने घटना के लिए जिम्मेदार कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और उस पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही, सरकार ने सभी रोपवे ऑपरेटरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने उपकरणों की नियमित जांच और रखरखाव करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सरकारी कार्रवाई

झारखंड सरकार ने हाल ही में रोपवे हादसे के संदर्भ में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संबंधित कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस निर्णय के तहत, कंपनी को कोई भी नया सरकारी प्रोजेक्ट नहीं मिल पाएगा, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावना घटेगी। राज्य सरकार के इस कदम को जनता के बीच व्यापक समर्थन मिला है, जो सुरक्षा और पारदर्शिता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इसके साथ ही, कंपनी पर 9 करोड़ 11 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह जुर्माना दुर्घटना में हुई क्षति और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के मद्देनज़र तय किया गया है। झारखंड पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कंपनी को यह राशि अविलंब जमा करनी होगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि कंपनी की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी के कारण यह हादसा हुआ, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

सरकार की इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल दोषियों को सजा देना नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक सख्त संदेश देना भी है। इस निर्णय से अन्य कंपनियों को भी यह संदेश मिलेगा कि यदि वे सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करतीं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार, यह कदम राज्य में पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाएगा और पर्यटकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा।

झारखंड सरकार की यह त्वरित और कठोर कार्रवाई दर्शाती है कि राज्य प्रशासन सुरक्षा और जनहित के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कदम राज्य में पर्यटन उद्योग की सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

कंपनी की प्रतिक्रिया

झारखंड में हुए रोपवे हादसे के बाद, कंपनी ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की है। कंपनी के प्रवक्ताओं ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के प्रति अत्यंत संवेदनशील हैं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेती है और दुर्घटना के कारणों की जांच में राज्य सरकार के साथ पूर्ण सहयोग कर रही है।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि वे घटना की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर रहे हैं, जो रोपवे हादसे के सभी तकनीकी और प्रबंधन संबंधित मुद्दों की गहराई से जांच करेगी। इस समिति में रोपवे उद्योग के अनुभवी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जो घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाएंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करेंगे।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे सभी प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों के चिकित्सा खर्चों का भी कंपनी वहन करेगी। इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि वे अपने कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और मजबूत करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

कानूनी कार्रवाई के संदर्भ में, कंपनी ने अपने वकीलों की टीम को तैयार कर लिया है जो इस मामले में राज्य सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ सहयोग करेगी। कंपनी ने यह भी संकेत दिया कि वे इस मामले में किसी भी न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करेंगे और उनकी हर संभव सहायता करेंगे।

कंपनी ने अंत में कहा कि वे अपनी सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। उन्होंने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से भी अपील की कि वे इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करें।

आगे की योजना और सुधार

रोपवे हादसे के बाद झारखंड सरकार ने सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्राथमिकता देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। सबसे पहले, रोपवे सेवाओं के संचालन के लिए नए सुरक्षा मानकों की स्थापना की जाएगी। इन मानकों में आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी खामी को समय रहते पहचाना और सुलझाया जा सके।

सरकार ने यह भी तय किया है कि सभी रोपवे ऑपरेटरों के लिए नियमित निरीक्षण और परीक्षण अनिवार्य होंगे। इन निरीक्षणों के दौरान, रोपवे की संरचना, केबल्स, और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने यह भी योजना बनाई है कि रोपवे सेवाओं की निगरानी के लिए एक विशेष सरकारी निकाय की स्थापना की जाएगी। यह निकाय नियमित रूप से रोपवे सेवाओं की समीक्षा करेगा और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगा।

इस हादसे से सबक लेते हुए, अन्य राज्यों में भी रोपवे सेवाओं में सुधार की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। अन्य राज्य सरकारें भी अपने-अपने क्षेत्रों में रोपवे सेवाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता की जांच करेंगी और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएंगी। इसके अलावा, सभी रोपवे ऑपरेटरों को कर्मचारियों की नियमित ट्रेनिंग देने की आवश्यकता होगी ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकें।

अंततः, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। सभी संबंधित पक्षों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि रोपवे सेवाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता को उच्चतम स्तर पर बनाए रखा जा सके।

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