
रांची। एडीजी अनुराग गुप्ता को बड़ी राहत मिली है। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने आईपीएस अनुराग गुप्ता का निलंबन रद्द करने का आदेश दिया है। नियमानुसार 2 साल से अधिक समय तक किसी अधिकारी को निलंबित नहीं रखा जा सकता है। भ्रष्टाचार के आरोप में एडीजी अनुराग गुप्ता पिछले 26 माह से निलंबित चल रहे हैं।
कैट की अदालत ने लगभग 26 माह से निलंबित चल रहे एडीजी अनुराग गुप्ता के पक्ष में फैसला देते हुए कैट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि निलंबन आदेश को वापस लें। राज्य सरकार किसी को भी नियमानुसार दो साल से अधिक समय तक निलंबित नहीं रख सकती है। राज्यसभा चुनाव में हार्स ट्रेडिंग के मामले में आरोपित रहे एडीजी अनुराग गुप्ता को राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2020 को निलंबित कर दिया था।
अनुराग गुप्ता ने गत 14 फरवरी 2022 को अपने निलंबन का दो साल पूरा भी किया था। इस अवधि में उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी पूरी हो गई, जिसमें उनके खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी। उनके खिलाफ रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधान में भी ठोस साक्ष्य नहीं मिल सका है और अनुसंधान अभी जारी है।इन्हीं सभी तथ्यों को सामने रखते हुए एडीजी अनुराग गुप्ता ने भी अपने स्तर से पुलिस मुख्यालय व राज्य सरकार से पत्राचार किया था।
पुलिस मुख्यालय ने भी एडीजी अनुराग गुप्ता की चिट्ठी के आधार पर कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार से अनुशंसा की है। वहीं, विभाग ने भी सर्विस कोड का हवाला देते हुए एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबन मुक्त करने संबंधित अनुशंसा मुख्यमंत्री से की थी। इसके बाद भी मामला सरकार के स्तर पर विचाराधीन है। इसी बीच कैट ने भी निलंबन मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया।