रांची के कोतवाली थाना के दारोगा ऋषिकांत को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने ₹5,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। दारोगा पर आरोप है कि वह जब्त मोबाइल मुक्त करने के एवज में एनओसी देने के लिए रिश्वत मांग रहा था।
कैसे पकड़ा गया दारोगा?
- शिकायतकर्ता ओम शंकर गुप्ता, जो झारखंड विधानसभा चुनाव (2024) में हटिया से निर्दलीय प्रत्याशी थे, ने ACB में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी।
- उनके खिलाफ नवंबर 2024 में कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ था, और इसी दौरान उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया था।
- जमानत मिलने के बाद जब उन्होंने मोबाइल छुड़ाने की प्रक्रिया शुरू की, तो दारोगा ने ₹5,000 की रिश्वत मांगी।
- शिकायत की जांच के बाद 27 फरवरी 2025 को ACB ने दारोगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
- 28 फरवरी 2025 को ACB की टीम ने महिला थाना परिसर में जाल बिछाया, और जैसे ही दारोगा ने रिश्वत ली, उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
ACB की आगे की कार्रवाई
अब ACB की टीम दारोगा ऋषिकांत के ठिकानों की तलाशी लेकर भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य सबूत इकट्ठा कर रही है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि दारोगा ने केस मैनेज करने के लिए ₹2 लाख की मांग की थी और कहा था कि ₹20,000 नहीं देने पर केस लंबा चलेगा और सजा दिलवा देंगे।