पटना:
जिसने JNU में “भारत तेरे टुकड़े होंगे” जैसे नारे के बीच सुर्खियाँ बटोरीं, आज वही कन्हैया कुमार अब देश की राजनयिक सफलता पर सवाल उठा रहे हैं। जी हां, कांग्रेस नेता कन्हैया ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को “BJP की ध्यान भटकाने वाली चाल” करार दिया।
उन्होंने कहा,
“भाजपा की सरकार का कोई असली काम नहीं है, इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए कभी वक्फ़ बिल, कभी राणा ला देते हैं।”
(सवाल यह है कि – साहब, आपने JNU में जो ‘सद्भावना सम्मेलन’ आयोजित किया था, वो क्या था? नौकरी की खोज या देश की तोड़-फोड़?)
राणा, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मुख्य आरोपी है, उसे अमेरिका से भारत लाया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया, लेकिन कन्हैया को यह रास नहीं आया।
कन्हैया बोले,
“370 हटाने के बाद BJP नेता चिल्ला रहे थे कि अब बिहार वाले कश्मीर में ज़मीन खरीदेंगे। बताओ, कौन खरीद पाया?”
(हां, ये वैसा ही तर्क है जैसे “JNU से सीधा संसद” की फ्लाइट हो गई हो…)
कन्हैया इन दिनों ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा पर हैं, और रोजगार पर सरकार को घेर रहे हैं।
(हालाँकि खुद की जॉब तो फुल टाइम राजनीति में कन्वर्ट हो चुकी है – “JNU से जनरल इलेक्शन तक” का सफर…)