
अंतर्विरोध में घिरी राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकारी विद्यालयों पर राज्य के वित्तमंत्री का बयान राज्य के शिक्षकों का अपमान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जिम्मेवारी है। परंतु यह सरकार अपनी जिम्मेवारियों से भागना चाहती है। शिक्षकों पर दोषारोपण करके राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रही ।
शिक्षकों के पद भरें, उन्हें गैर-शिक्षण कार्यों से दूर रखें
दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य के शिक्षक मेहनती हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं ।राज्य के सरकारी विद्यालयों में उच्च स्तरीय ,गुणवत्तापूर्ण,शिक्षा व्यवस्था हो,बुनियादी ढांचा सुदृढ हो, विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति कर पद भरे जाएं,शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य मे न लगाया जाए, सुविधायुक्त पदस्थापन हो, ये सारे कार्यों को करने की जिम्मेवारी राज्य सरकार को है। परंतु यह सरकार जिम्मेवारियों से मुंह मोड़ रही। इनकी चुनाव पूर्व घोषणाएं ठंढे बस्ते में चले गए।
प्राइवेट स्कूल गरीब जनता की जेब पर बोझ
उन्होंने कहा कि राज्य के प्राइवेट स्कूल आम आदमी, गरीब,मजदूर,किसान के बच्चों केलिये सुलभ नही है। राज्य की अधिकांश आबादी गांव में निवास करती है। और सुदूरवर्ती ग्रामीण,पहाड़ी,जंगली क्षेत्रों में सरकारी विद्यालय ही शिक्षा के साधन हैं। उन्होंने कहा कि सत्तामद में चूर राज्य सरकार के मंत्री,विधायकगण लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
सरकारी शिक्षकों को कोस रहे हैं और मदरसा शिक्षकों को अनुदान दे रहे हैं
उन्होंने कहा कि एक तरफ वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव सरकारी स्कूलों की शिक्षा को कोस रहे वहीं मदरसा के अनुदान केलिये नियमो को संशोधित करने की बात कर रहे। दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार के गठबंधन दलों में वोट बैंक और तुष्टिकरण की होड़ लगी है। उन्होने कहा कि सरकार अंतर्विरोध से घिरी है। शिक्षा विभाग झामुमो के कोटे में है। इसलिये झामुमो को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बयान पर स्थित स्पष्ट करनी चाहिये।

