Tuesday 2nd of December 2025 10:12:50 PM
HomeRaksha Bandhanरक्षाबंधन 2025: ये धागा आज भी क्यों जोड़कर रखता है हमें

रक्षाबंधन 2025: ये धागा आज भी क्यों जोड़कर रखता है हमें

भारत में दो तरह के लोग होते हैं — एक वो जो राखी बांधते वक्त रोते हैं, और दूसरे वो जो गिफ्ट लेना भूल जाते हैं, इसलिए रोते हैं। स्वागत है रक्षाबंधन 2025 में, जहां इमोशन्स उतने ही हाई होते हैं जितनी Flipkart की सेल में कीमतें और बहनों की उम्मीदें।

लेकिन इन सबके बीच, इस त्योहार की सबसे खास बात यही है — ये हमें रुककर ये कहने का मौका देता है, जो हम शायद रोज नहीं कह पाते: मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।

रक्षाबंधन क्या है?

“रक्षा” यानी सुरक्षा और “बंधन” यानी बंधन। यह सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि एक भावना है जो सदियों से हमारी संस्कृति में जमी हुई है।

हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, उनके अच्छे स्वास्थ्य और जीवन की मंगलकामना करती हैं। बदले में भाई उन्हें गिफ्ट देता है (थोड़ा भाव-ताव के बाद) और जीवन भर रक्षा का वादा करता है।

रक्षाबंधन 2025 कब है?

  • रक्षाबंधन की तारीख: 9 अगस्त 2025 (शनिवार)

  • पूर्णिमा तिथि आरंभ: 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे

  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:24 बजे

  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: 9 अगस्त 2025 को सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 बजे तक

भद्र काल के दौरान राखी नहीं बांधी जाती, इसलिए सुबह का समय उत्तम है।

इतिहास में राखी के कुछ किस्से

  • द्रौपदी और श्रीकृष्ण: जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली पर पट्टी बांधी थी, तो कृष्ण ने जीवनभर उसकी रक्षा का वादा किया था — जिसे उन्होंने चीर हरण के समय निभाया भी।

  • रानी कर्णावती और हुमायूं: रानी ने हुमायूं को राखी भेजकर सुरक्षा की अपील की थी, जिसे हुमायूं ने स्वीकारा।

आज राखी सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं है — दोस्त, कजिन्स या कोई भी ऐसा रिश्ता जिसमें स्नेह और सम्मान हो, उसमें राखी बांधी जा सकती है।

सिर्फ राखी नहीं, रिश्तों का जश्न है

रक्षाबंधन अब सिर्फ भावनाओं का नहीं, बल्कि एक ई-कॉमर्स इवेंट भी बन गया है। बहनें जुलाई से ही “wishlist” भेजना शुरू कर देती हैं, और ब्रांड्स “कस्टमाइज्ड राखी फॉर कोडर भाई” जैसे ऑफर्स से आपको घेर लेते हैं।

पर आखिर में, न राखी की कीमत मायने रखती है, न गिफ्ट की साइज। बस इतना ज़रूरी है कि आप मौजूद रहें — एक-दूसरे के लिए, बिना कुछ कहे। क्यूंकि भाई-बहन का रिश्ता वही है — खट्टी-मीठी तकरारों में भी एक अटूट बंधन।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments