Tuesday, March 19, 2024
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कैप्टन की नाराजगी के बाद पंजाब कांग्रेस में दो

सिद्धू और कैप्टन अमरिन्दर गुट की अलग-अलग बैठक
सिद्धू और कैप्टन अमरिन्दर गुट की अलग-अलग बैठक

 

चंडीगढ़। कल तक पंजाब कांग्रेस के दो बड़े दिग्गजों सिद्धु और कैप्टन अमरिन्दर के बीच शीत युद्ध था । लेकिन फिर कांग्रेस आलाकमान के इशारे पर प्रशांत किशोर की इंट्री हुई । पीके ने फार्मूला दिया कि नवजोत सिंह सिद्धु को पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाय और कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सीएम पद का चेहरा। लेकिन जैसे ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने इस फार्मूले की घोषणा की, शीत युद्ध “फुल स्केल वार” में तब्दील हो गया।

सिद्धु और कैप्टन ग्रुप की अलग-अलग आपात बैठक

बुधवार को हरीश रावत ने फार्मूले का एलान किया, बुधवार को कैप्टन अमरिन्दर सिंह नाराज़ हुए और गुरुवार को दोनों गुटों की अलग-अलग आपात बैठक बुलाई गई। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ पंजाब कांग्रेस के आम कार्यकर्ता हैं तो नवजोत सिंह सिद्धु के साथ प्रशांत किशोर और आलाकमान। देखना है कि दोनों में किसकी जीत होती है। इस बीच पंजाब से आने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा है कि “कांग्रेस को सिर्फ कांग्रेस ही हरा सकती है, पंजाब में भी यही हो रहा है” ।

प्रशांत किशोर ने गेम कर दिया

ये बात हर किसी को पता है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रशांत किशोर को कभी जरुरत से ज्यादा तवज्जों नहीं दी । 2017 में भी प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने कांग्रेस को जीताने का ठेका लिया था । लेकिन कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उन्हें पंजाब से दूर रखा। बेचारे झख मारकर यूपी में खाट सभा करवाते रहे । रिजल्ट के बाद पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस को बंपर जीत मिली, और उत्तर प्रदेश में “यूपी के दो छोरे” बुरी तरह से पिटे । तभी से प्रशांत किशोर के मन में कैप्टन अमरिन्दर सिंह को लेकर एक कड़वाहट थी , जिसे निकालने का मौका अब मिला है।

सिद्धु का कंधा, पीके की बंदूक

नवजोत सिंह सिद्धु लंबे अरसे से कैप्टन अमरिन्दर सिंह से नाराज चल रहे हैं, लेकिन उनकी इस नाराज़गी को आलाकमान ने कभी तवज्जों नहीं दी । कांग्रेस का हर छोटा-बड़ा नेता जानता है कि पंजाब की राजनीति में कैप्टन अमरिन्दर का अपना दबदबा है। वो गांधी परिवार के भरोसे चुनाव नहीं जीतते, बल्कि अपने कंधों पर पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनवा दी । दूसरे शब्दों में कहें तो कैप्टन अमरिन्दर वर्तमान में कांग्रेस के सबसे मजबूत क्षत्रप हैं, जो सीधे गांधी परिवार की आखों में आंखे डालकर बात कर सकता है। पीके को यहीं से कैप्टन से अपने अपमान का बदला लेने का मौका मिला।

सिद्धु- प्रियंका की मुलाक़ात से बदला समीकरण

बात करीब एक महीने पहले की है । नवजोत सिंह सिद्धु दिल्ली में राहुल-सोनिया से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन करीब दो दिनों तक इंतजार के बाद उनकी मुलाकात प्रियंका गांधी से हुई। इस मुलाक़ात के बाद प्रशांत किशोर ने सिद्धु को समझाया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह को हराना है तो पहले संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करो । पंजाब कांग्रेस के हर महत्वपूर्ण पदों पर अपने आदमी फिट करो । एक बार पंजाब कांग्रेस के संगठन पर कैप्टन की पकड़ ढीली हुई, कि उसे उखाड़ फेकेंगे । इसी रणनीति के तहत सिद्धु को पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की योजना बनी ।

उधर कांग्रेस भाई-बहन को समझाया (चुगली) गया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सिर्फ़ सोनिया गांधी को महत्व देते हैं, जबकि राहुल-प्रियंका को बच्चा समझते हैं। संगठन में अपनी पकड़ मजबूत रखनी है तो कैप्टन को उसकी हैसियत समझानी होगी । इस लिहाज़ से सिद्धु को कैप्टन के खिलाफ अपने मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैप्टन अमरिन्दर अब क्या करेंगे?

कैप्टन अमरिन्दर सिंह जानते हैं कि पंजाब में उनका विकल्प सिद्धु नहीं हो सकता। कैप्टन को पता है कि कांग्रेस को पंजाब में वही जीत दिला सकते हैं, बाकी सबलोग जनता और कार्यकर्ताओं पर पकड़ के मामले में उनसे हल्के हैं। अपनी इसी स्थिति का फायदा वो उठाना चाहते हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपनी नाराजगी सोनिया गांधी को जता दी है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि अगर पंजाब में जीतना है तो पीके-सिद्धु को अपनी नौटंकी बंद करने बोलिए । और अगर उन्होंने राहुल-प्रियंका को काबू में नहीं रखा तो चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस टूट जाएगी, चुनाव हारेंगे सो अलग ।

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