रांची। रांची विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर (डॉ.) नवल किशोर नाथ शाहदेव (82) का अंतिम संस्कार गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (कांके) के बगल में स्थित जुमार नदी घाट पर हुए। मुखाग्नि उनके बड़े बेटे नवीन परिहार (साइंटिस्ट) ने दी।
सांसद संजय सेठ व विधायक समरी लाल ने दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर प्रोफेसर गिरिजाशंकर शाहदेव, हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील अभय मिश्र, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञ्ययवल्क्य शुक्ल, आलोक तिवारी, पूर्व विधायक रामचंद्र नायक, कमलेश कुमार सिंह, प्रो. नलिनि रंजन महतो, प्रो. ज्ञान सिंह, पंडित अजय मिश्र सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इससे पहले सांसद संजय सेठ और विधायक समरी लाल उनके घर पहुंच कर श्रद्धा-सुमन अर्पित की।
सांस लेने में थी तकलीफ
छोटे बेटे व भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी नीरज परिहार शाहदेव ने बताया कि एक दिन पहले बुधवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे पिताजी की तबीयत अचानक हुई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और थोड़ी देर में ही उनका निधन हो गया। श्राद्धकर्म 13 मार्च को होगा।
1999 में हुए थे सेवानिवृत्त
रांची विवि के पीजी डिपार्टमेंट में भूगोल के प्रोफेसर डॉ. नवल किशोर नाथ शाहदेव 1999 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी पत्नी प्रो. जयश्री शाहदेव भी पीजी डिपार्टमेंट में ही भूगोल की प्राध्यापक थीं। वे भी 2018 में सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। उनके तीन बेटे और एक बेटी अनुराधा परिहार हैं। बड़े बेटे नवीन परिहार साइंटिस्ट हैं। वे त्रिचुरापल्ली में कार्यरत हैं। मंझले बेटे निश्चल परिहार शिक्षक हैं।