
रांची । झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन सदन में बालू घाटों के संचालन और बालू के अवैध उत्खनन को लेकर चर्चा में रहा । प्रश्न काल के माध्यम से आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो ने राज्य के 608 बालू घाटों को लेकर आसन के माध्यम से सवाल पूछा कि राज्य में जो बालू घाट हैं उनका संचालन निगम और पंचायत को करना है । निगम द्वारा केवल 22 घाटों की बंदोबस्ती की गई है । बचे 586 घाटों का संचालन कौन कर रहा है। साथ ही सुदेश महतो ने कहा कि इससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है…वही अन्य सदस्यों ने बालू ढोने ट्रैक्टरों को पकड़ने का भी मुद्दा उठाया।
जबाब में प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि बालू के अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने नई पहल की है। इसके तहत अब सरकार जिलास्तर पर ही बालू घाटों की नीलामी कराने जा रही है। इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से सभी उपायुक्तों को आदेश जारी हो गया है। हालांकि बालू घाटों के नीलामी की सारी प्रक्रियाएं राज्य खनिज विकास निगम के नियंत्रण में ही पूरी की जायेंगी।
पूरक प्रश्न करते हुए सुदेश कुमार महतो पूछा कि 2018-19 में अवैध बालू उत्खनन व परिवहन के दौरान 888 पकड़ी गई गाड़ियों से राजस्व वसूली 4 करोड़ रुपया दिखाया। वही 2020-21 में लगभग 13 सौ गाड़िया पकड़ी जाती हैं पर वाली 2 करोड़ रुपया। ये कैसे होगया की2018-19 कम गाड़ियों के पकडे जाने के बाद भी अधिक वसूली होती है और वही 2021-22 में कम वसूली। तो ये सर्व विदित है कि राज्य में बालू के अवैध उत्खनन का खेल चल रहा है ।