केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को संविधान संशोधन बिल से बाहर रखने की सिफारिश को ठुकरा दिया। यह बिल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर अपराध में जेल जाने पर पद से हटाने का प्रावधान करता है।
रिजिजू ने कहा, “पीएम मोदी ने कैबिनेट को बताया कि सुझाव है कि प्रधानमंत्री को इस बिल से बाहर रखा जाए, लेकिन उन्होंने सहमति नहीं दी। पीएम ने अपवाद देने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री भी एक नागरिक हैं और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि देश की जनता इस क्रांतिकारी बिल का स्वागत कर रही है, और विपक्ष भी करता अगर उसने नैतिकता को केंद्र में रखा होता।
संविधान संशोधन बिल के तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत में लिए जाने पर पद से हटाया जाएगा। लोकसभा में पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर के लिए भी ऐसे दो और बिल पेश किए गए हैं।
रिजिजू ने विपक्ष पर संसद के मानसून सत्र को बाधित करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस सांसद अपने ही नेता राहुल गांधी के बोलने से असहज हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय हित में महत्वपूर्ण बिल पारित किए हैं, जबकि विपक्ष ने बहस से बचने का प्रयास किया।