मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में अपने नए मंत्रियों का परिचय करा रहे थे तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री ने इसे लेकर विपक्ष की मानसिकता पर सवाल उठाया।
प्रधानमंत्री ने इस हंगामे पर कहा- ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, एससी-एसटी समुदाय के भाई, किसान परिवार से आए सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला है। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते।’
मंत्रियों के परिचय के दौरान विपक्ष का हंगामा
दरअसल, प्रधानमंत्री ने इसी महीने सात जुलाई को अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया था, इस बदलाव में जातीय समीकरण को भी ध्यान में रखा गया। उन्होंने कैबिनेट विस्तार में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति समुदाय के प्रतिनिधियों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया है। संसदीय परंपरा के तहत वे अपने नए मंत्रियों का परिचय सदन में कराना चाहते थे, लेकिन विपक्ष ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लिया ।
नई कैबिनेट में अनुसूचित जाति-जनजाति के 20 मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में अनुसूचित जाति के 12 मंत्री शामिल हैं जो विभिन्न अनुसूचित जाति के समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं अनुसूचित जनजाति के भी आठ मंत्री शामिल किए गए हैं।
27 अन्य पिछड़ा वर्ग से और पांच अल्पसंख्यक मंत्री भी शामिल
पीएम मोदी की कैबिनेट में अन्य पिछड़ी जातियों के रिकॉर्ड के 27 मंत्री हैं। जिनमें से पांच कैबिनेट रैंक के हैं जो 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंत्री यादव, गुर्जर, जाट, ठाकोर, लोध, आदि सहित विभिन्न जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रधानमंत्री की टीम में 11 महिलाएं
प्रधानमंत्री ने इस बार हुए कैबिनेट फेरबदल में सात महिलाओं को भी शामिल किया है। इस तरह उनकी कैबिनेट में महिला मंत्रियों की कुल संख्या 11 हो गई है।