नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा लगाए गए आरोपों को सख्ती से खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि जाफर एक्सप्रेस हमले में भारत की संलिप्तता थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक कड़े बयान में कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को दूसरों पर आरोप लगाने और अपनी विफलताओं का ठीकरा फोड़ने के बजाय खुद के अंदर झांकने की जरूरत है।”
दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोहियों के अफगानिस्तान में मौजूद रिंग लीडर्स से संपर्क थे। “भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले में शामिल आतंकवादी अपने आकाओं और संपर्क सूत्रों के साथ अफगानिस्तान से जुड़े थे,” खान ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा।
यह बयान तब आया जब पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दावा किया कि उन्होंने उन सभी 33 बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों को मार गिराया जो जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने में शामिल थे। यह ट्रेन 400 से अधिक यात्रियों को लेकर जा रही थी।
हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने अब तक अपने “सफल ऑपरेशन” से संबंधित कोई तस्वीर या वीडियो जारी नहीं किया है, जिससे संदेह और बढ़ गया है। दूसरी ओर, विद्रोही संगठन BLA ने पाकिस्तानी सेना के दावों को खारिज कर दिया और इसे सरकार का एक और “झूठा प्रचार अभियान” करार दिया।
BLA के प्रवक्ता जियंद बलूच ने जोर देकर कहा, “युद्ध अभी भी कई मोर्चों पर जारी है। पाकिस्तानी सेना न तो युद्ध के मैदान में जीत हासिल कर सकी है और न ही अपने बंधक सैनिकों को बचा पाई है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “राज्य ने अपने ही सैनिकों को छोड़ दिया और उन्हें बंधकों की तरह मरने के लिए मजबूर किया।”
इस बीच, बंधक बनाए गए यात्रियों में से कुछ, जो क्वेटा पहुंचे, उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया को बताया कि BLA लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा करने के तुरंत बाद महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित छोड़ दिया।
BLA ने पाकिस्तानी सरकार को चुनौती देते हुए मांग की है कि “स्वतंत्र पत्रकारों और निष्पक्ष पर्यवेक्षकों को संघर्ष क्षेत्र में जाने की अनुमति दी जाए।” संगठन का दावा है कि सेना का यह कदम “अपनी हार को छिपाने का प्रयास” है।
भारत ने इस पूरे घटनाक्रम पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान “अपने अंदर झांकने की बजाय भारत को दोषी ठहराने में व्यस्त है।” पाकिस्तान की आतंरिक स्थिति और बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजर बनाए हुए है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पाकिस्तान इस मामले पर अपने रुख में बदलाव लाएगा या फिर वही पुरानी रणनीति अपनाकर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाता रहेगा।