पहलगाम में 26 मासूमों की हत्या के बाद अमेरिका फिर सामने आया है—एक बार फिर ‘संवेदना’ जताने और ‘मदद’ की पेशकश करने।
US Vice President JD Vance ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया, “गहरी संवेदना” जताई और कहा कि अमेरिका “भारत के साथ खड़ा है।”
वाह साहब, क्या अभिनय है! ऑस्कर मिलना चाहिए इस डायलॉग के लिए।
पर आइए ज़रा याद करें—दुनिया के आधे आतंकवादी संगठन कहाँ पनपे?
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अलकायदा – पाला अमेरिका ने अफगानिस्तान में
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तालिबान – पहले दोस्त, फिर दुश्मन, फिर दोस्त…
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पाकिस्तान – आज तक सबसे बड़ा ‘नॉन-NATO’ दोस्त, वही पाकिस्तान जो भारत में TRF जैसे आतंकी भेजता है
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इराक – वहाँ तो ‘Weapons of Mass Destruction’ खोजते-खोजते पूरा देश तबाह कर दिया
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सोवियत संघ – तोड़ दिया सिर्फ इसलिए ताकि अमेरिका अपने हथियार और डॉलर का साम्राज्य फैला सके
और हाँ, प्यारे ट्रंप साहब का भी शुक्रिया जिन्होंने “टैरिफ्स” के नाम पर भारतीय उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया, लेकिन “दोस्ती” का तमगा देना नहीं भूले।
JD Vance कहते हैं, “हम भारत को हर मदद देंगे…”
कौन सी मदद? F-16 पाकिस्तान को बेचने वाली? या फिर वो ‘advice’ जिसमें भारत को ‘restraint’ बरतने की सलाह दी जाती है जब हमारे जवान शहीद होते हैं?
अमेरिका वही देश है जो हथियार बनाता है, युद्ध करवाता है, फिर ‘peace mission’ के नाम पर घुसता है और अपना माल बेचता है।
यानी खुद ही आग लगाओ, फिर Extinguisher बेचकर हीरो बनो।
🙄 Reality Check:
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पाकिस्तान को अरबों डॉलर की “सुरक्षा सहायता” अमेरिका ने ही दी थी
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UN में कश्मीर मुद्दे को उठाने की हर कोशिश में अमेरिका “मूक दर्शक” बना रहा
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हर बार जब भारत आतंक पर जवाबी कार्रवाई करता है, तो अमेरिका कहता है, “दोनों पक्ष संयम बरतें” — वाह!
🔥 मोदी जी ने सही कहा:
“भारत उन लोगों को नहीं भूलेगा जो आतंक फैलाते हैं और जो उन्हें समर्थन देते हैं।”
और अब हमें भी ये तय करना होगा कि ‘नकली संवेदना’ के इन ड्रामों को किस भाव से देखा जाए।