पाकुड़ : पत्रकार कार्तिक रजक को झूठे अपहरण के केस में फँसाए जाने का अमड़ापाड़ा की स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है । इस बाबत बीते शनिवार को स्थानीय व आस – पास के सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने डाक बंगला परिसर में बैठक कर इस संबंध में कड़ा एतराज जताया है । सबों ने बैठक के जरिए पत्रकार कार्तिक रजक के पक्ष में एकजुटता का परिचय देते हुए अपनी टिप्पणी व्यक्त किया है ।
सम्मानित नागरिक को झूठे केस में फंसाना गलत – मंटू भगत
सामाजिक सरोकार व राजनीति से सक्रिय रूप से जुड़े मंटू भगत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कार्तिक रजक एक सम्मानित नागरिक हैं । उन्हें षड्यंत्र कर झूठे केस में फँसाना निंदनीय है । मैं प्रशासन से माँग करता हूँ कि मामले की बारीकी से जाँच और दोषियों पर शख्त कार्रवाई हो । अन्यथा , सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे । समाज के गणमान्य नागरिक नारायण भगत ने कहा कि मैं उनके व्यवहार से 25 वर्षों से वाकिफ हूँ । झूठे मुकदमे से उनके नाम को हटाने का प्रशासन से अनुरोध करता हूँ ।
घटना के वक्त हमलोंगे के साथ बंगाल के बिजली मंत्री के आवास पर थे- तनवीर अली
वहीं समाज के जुझारू शख्श तनवीर अली ने कहा कि बीते 17 तारीख को ( जिस दिन अपहरण की घटित घटना को दर्शाया गया है ) वो हमलोगों के साथ पश्चिम बंगाल के बिजली मंत्री के आवास पर जंगीपुर में थे । किसी को बदनाम कर उनकी छवि को धूमिल करने की ऐसी निराधार हरकत नहीं होनी चाहिए । उन्हें प्रशासनिक स्तर पर त्वरित न्याय मिलना चाहिए अन्यथा हमलोग चरणबद्ध आंदोलन को मजबूर होंगे ।
सेवानिवृत्त शिक्षक एवं वरिष्ठ नागरिक प्रधान मूर्मू व नरेशकान्त साहा ने भी अपनी टिप्पणी में कहा कि कार्तिक रजक बेदाग हैं । यह मामला गलत साजिश का एक हिस्सा है । प्रशासन को न्यायोचित पहल करना चाहिए अन्यथा गलत करने वालों का ईरादा और बुलंद होगा । हम समाज उनके साथ हैं । आदिवासी प्रबुद्ध युवक तारेश मरांडी ने कहा कि जो व्यक्ति दो दशक से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ है । जो पाकुड़ के प्रतिष्ठित दैनिक का ब्यूरो चीफ रह चुका है, वह अपराधी नहीं हो सकता है ।
कार्तिक रजक के पिता स्व प्रह्लाद रजक डीडीसी थे जो खुद समाज के माईलस्टोन रहे । उनके परिवार में प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं । जो ऐसे शिक्षित परिवार से संबद्ध होगा वो अपहर्ता नहीं हो सकता । वहीं गणमान्य बुद्धिजीवी ग्रामीण विजय भगत , संजय भगत , रामजी भगत , अमित भगत आदि ने ऐसी ओछी हरकत करने वालों के विरुद्ध नाराजगी जाहिर किया है । कहा कि पत्रकार को झूठे मुकदमे में फँसाए जाने का हम विरोध करते हैं । हमलोग उनके समर्थन में खड़े हैं ।
इस बैठक के दौरान गोपाल सिंह , मु जल्लाल , सरोज मंडल , दीपंकर भगत , अमरनाथ भगत , प्रेम रजक , संजय रजक , सुमन भगत , पिंटू साह , संतोष भगत , घनश्याम पाल , विकास भगत , मु जावेद , निखिल , नितेश , अशलम , संतोष रजक , रोहित कुमार आदि बड़ी तादाद में ग्रामीण मौजूद थे ।
क्या है मामला : अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बबरमशिया गाँव निवासी जोगेश मरांडी ग्राम प्रधान के साथ अपनी पत्नी रूपामुनी सोरेन को लाने बीते 17 जुलाई को पाकुड़ गए थे । वो पत्नी को लेकर गाँव चले आए । आरोप है कि रूपामुनी ने अपने पति , ग्रामप्रधान व अन्य को फँसाने की साजिश की । विरोधियों से मिलकर उसने 19 जुलाई को पाकुड़ नगर थाना में अपने पति , ग्राम प्रधान सहित पत्रकार कार्तिक रजक व अन्य के विरुद्ध अपहरण का मामला दर्ज करा दिया । उल्लेखनीय है कि रूपामुनी ने अपने पति के विरुद्ध पूर्व में अमड़ापाड़ा थाना में दहेज प्रताड़ना का मामला भी दर्ज करा रखा है ।