Thursday 21st of November 2024 06:13:22 PM
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पाकुड़ः पत्रकार को अपहरण के झूठे केस में फँसाए जाने पर अमड़ापाड़ा में जनाक्रोश

पाकुड़ के पत्रकार को अपहरण के झूठे केस में फंसाने का आरोप
पाकुड़ के पत्रकार को अपहरण के झूठे केस में फंसाने का आरोप

पाकुड़ : पत्रकार कार्तिक रजक को झूठे अपहरण के केस में फँसाए जाने का अमड़ापाड़ा की स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है । इस बाबत बीते शनिवार को स्थानीय व आस – पास के सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने डाक बंगला परिसर में बैठक कर इस संबंध में कड़ा एतराज जताया है । सबों ने बैठक के जरिए पत्रकार कार्तिक रजक के पक्ष में एकजुटता का परिचय देते हुए अपनी टिप्पणी व्यक्त किया है ।

सम्मानित नागरिक को झूठे केस में फंसाना गलत – मंटू भगत

सामाजिक सरोकार व राजनीति से सक्रिय रूप से जुड़े मंटू भगत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कार्तिक रजक एक सम्मानित नागरिक हैं । उन्हें षड्यंत्र कर झूठे केस में फँसाना निंदनीय है । मैं प्रशासन से माँग करता हूँ कि मामले की बारीकी से जाँच और दोषियों पर शख्त कार्रवाई हो । अन्यथा , सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे । समाज के गणमान्य नागरिक नारायण भगत ने कहा कि मैं उनके व्यवहार से 25 वर्षों से वाकिफ हूँ । झूठे मुकदमे से उनके नाम को हटाने का प्रशासन से अनुरोध करता हूँ ।

घटना के वक्त हमलोंगे के साथ बंगाल के बिजली मंत्री के आवास पर थे- तनवीर अली

वहीं समाज के जुझारू शख्श तनवीर अली ने कहा कि बीते 17 तारीख को ( जिस दिन अपहरण की घटित घटना को दर्शाया गया है ) वो हमलोगों के साथ पश्चिम बंगाल के बिजली मंत्री के आवास पर जंगीपुर में थे । किसी को बदनाम कर उनकी छवि को धूमिल करने की ऐसी निराधार हरकत नहीं होनी चाहिए । उन्हें प्रशासनिक स्तर पर त्वरित न्याय मिलना चाहिए अन्यथा हमलोग चरणबद्ध आंदोलन को मजबूर होंगे ।

सेवानिवृत्त शिक्षक एवं वरिष्ठ नागरिक प्रधान मूर्मू व नरेशकान्त साहा ने भी अपनी टिप्पणी में कहा कि कार्तिक रजक बेदाग हैं । यह मामला गलत साजिश का एक हिस्सा है । प्रशासन को न्यायोचित पहल करना चाहिए अन्यथा गलत करने वालों का ईरादा और बुलंद होगा । हम समाज उनके साथ हैं । आदिवासी प्रबुद्ध युवक तारेश मरांडी ने कहा कि जो व्यक्ति दो दशक से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ है । जो पाकुड़ के प्रतिष्ठित दैनिक का ब्यूरो चीफ रह चुका है, वह अपराधी नहीं हो सकता है ।

कार्तिक रजक के पिता स्व प्रह्लाद रजक डीडीसी थे जो खुद समाज के माईलस्टोन रहे । उनके परिवार में प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी वर्तमान में कार्यरत हैं । जो ऐसे शिक्षित परिवार से संबद्ध होगा वो अपहर्ता नहीं हो सकता । वहीं गणमान्य बुद्धिजीवी ग्रामीण विजय भगत , संजय भगत , रामजी भगत , अमित भगत आदि ने ऐसी ओछी हरकत करने वालों के विरुद्ध नाराजगी जाहिर किया है । कहा कि पत्रकार को झूठे मुकदमे में फँसाए जाने का हम विरोध करते हैं । हमलोग उनके समर्थन में खड़े हैं ।

इस बैठक के दौरान गोपाल सिंह , मु जल्लाल , सरोज मंडल , दीपंकर भगत , अमरनाथ भगत , प्रेम रजक , संजय रजक , सुमन भगत , पिंटू साह , संतोष भगत , घनश्याम पाल , विकास भगत , मु जावेद , निखिल , नितेश , अशलम , संतोष रजक , रोहित कुमार आदि बड़ी तादाद में ग्रामीण मौजूद थे ।

क्या है मामला : अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बबरमशिया गाँव निवासी जोगेश मरांडी ग्राम प्रधान के साथ अपनी पत्नी रूपामुनी सोरेन को लाने बीते 17 जुलाई को पाकुड़ गए थे । वो पत्नी को लेकर गाँव चले आए । आरोप है कि रूपामुनी ने अपने पति , ग्रामप्रधान व अन्य को फँसाने की साजिश की । विरोधियों से मिलकर उसने 19 जुलाई को पाकुड़ नगर थाना में अपने पति , ग्राम प्रधान सहित पत्रकार कार्तिक रजक व अन्य के विरुद्ध अपहरण का मामला दर्ज करा दिया । उल्लेखनीय है कि रूपामुनी ने अपने पति के विरुद्ध पूर्व में अमड़ापाड़ा थाना में दहेज प्रताड़ना का मामला भी दर्ज करा रखा है ।

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