पाकिस्तान ने UN में किया राम मंदिर का जिक्र
हाल ही में, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बैठक में भारतीय राम मंदिर के निर्माण के बारे में बहस की। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने राम मंदिर के निर्माण को एक “अवैध और अन्यायपूर्ण” कदाचित काम घोषित किया। यह बात पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा भी समर्थित की गई। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आग्रह किया है।
भारत ने धो डाला
भारतीय सरकार ने पाकिस्तान के इस बयान का जवाब देते हुए कहा है कि यह बात पाकिस्तान की आंतरिक मामले हैं और उन्हें इस पर बहस करने का कोई अधिकार नहीं है। भारतीय सरकार ने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण भारतीय संविधान के अनुसार हुआ है और इसमें किसी भी प्रकार का अवैधता नहीं है। भारतीय सरकार ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान की इस बात का उल्लंघन करने से वे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इस्लाम पर पाठ भी पढ़ाया
पाकिस्तान के इस बयान के साथ-साथ, उन्होंने राम मंदिर के निर्माण को इस्लाम के खिलाफ एक प्रयास के रूप में भी देखा है। इसके बावजूद, भारतीय सरकार ने इस बात का खंडन किया है और कहा है कि यह एक मानसिकता का प्रश्न है और किसी धर्म को बदलने की कोई ज़रूरत नहीं है। भारतीय सरकार ने यह भी दावा किया है कि राम मंदिर का निर्माण समर्थन करना धार्मिक स्वतंत्रता का एक पहलु है और यह भारतीय संविधान में सुरक्षित है।
इस विवाद के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक मुद्दों को नहीं ले आएं और उन्हें एक विदेशी मामला बनाएं। धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक विविधता के मामलों में हर देश को आपसी समझदारी का उदाहरण प्रदान करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को इस मामले में विवादों को सुलझाने में मदद करनी चाहिए और धार्मिक स्वतंत्रता को समर्थन करना चाहिए।