Wednesday 24th of December 2025 04:19:20 AM
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आदिवासियों के धार्मिक स्थल पर एकलव्य विद्यालय बनाए जाने का विरोध

अर्जुन मुंडा, सुदर्शन भगत और बंधु तिर्की का पुतला दहन करते कार्यकर्ता
अर्जुन मुंडा, सुदर्शन भगत और बंधु तिर्की का पुतला दहन करते कार्यकर्ता

रांची के सिलगाई में अमर शहीद बुधु भगत स्मारक स्थल के पास एकलव्य स्कूल बनाए जाने का विरोध जारी है। आदिवासी संगठनों का आरोप है कि जहां एकलव्य स्कूल बनाया जा रहा है वो उनका धार्मिक स्थल है। शुक्रवार को आदिवासी संगठनों ने जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस निकाला । अलबर्ट एक्का चौक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद सुदर्शन भगत, विधायक बंधु तिर्की का पुतला दहन किया ।

‘सुदर्शन भगत और बंधु तिर्की ने स्मारक स्थल की जमीन कब्जाने के लिए रची साजिश’

आदिवासी महासभा के अध्यक्ष नारायण उरांव, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की एवं आदिवासी अधिकार मंच के अध्यक्ष सुभाष मुंडा ने संयुक्त रूप से कहा कि अमर शहीद वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल एवं आदिवासियों के धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ कर वहां पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने का पूरा आदिवासी समाज विरोध करता है । वक्ताओं ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत एवं मांडर विधायक बंधु तिर्की के द्वारा अमर शहीद वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल एवं आदिवासियों के धार्मिक स्थल को खत्म करने की साजिश का पूरा आदिवासी समाज विरोध करता है । वहां पर किसी भी हाल में एकलव्य आवासीय विद्यालय को बनने नहीं दिया जाएगा ।

हम स्कूल बनाने के विरोधी नहीं, लेकिन उसे दूसरी जगह बनाया जाय- आदिवासी संगठन

आदिवासी नेताओं का कहना है कि वहां पर पहले से ही वीर बुधु भगत विद्यालय संचालित किया जा रहा है । वर्तमान में वहां करीब 900 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं । फिर उसी स्थल पर एक और विद्यालय बनवाने का औचित्य क्या है ? वह भी वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल और आदिवासियों के धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ करके ?

वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार विद्यालय बनाना ही चाहती है तो चान्हो प्रखंड के चटवाल, सोनचीपी, रानीचांचो, चुटियो एवं बरहे इत्यादि गांव में बनाएं वहां काफी मात्रा में जमीन उपलब्ध है । यदि सरकार वहां एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण करती है तो सभी ग्रामीण सहयोग देंगे । परंतु यदि वीर बुधु भगत के स्मारक स्थल और आदिवासियों के धार्मिक स्थल पर एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण करने की कोशिश की गई तो पूरा आदिवासी समाज इसका मुंहतोड़ जवाब देगा ।

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