
झारखंड विधानसभा में अब मुस्लिम विधायकों और अन्य स्टाफ के लिए अलग से “नमाज कक्ष” का आवंटन किया गया है। बकायदा इसके लिए चिट्ठी जारी कर सूचना दी गई है । विधानसभा के उप-सचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में साफ-साफ लिखा है कि विधानसभा के अंदर कमरा नंबर TW-348 अब नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया जाता है। वैसे तो विधानसभा संवैधानिक के अनुरूप चलने वाली संस्था है, लेकिन वहां भी अब धर्म के नाम से जगह अलॉट होने लगे हैं।

बीजेपी ने बताया तुष्टीकरण
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने अपने ट्विटर वाल पर लिखा है कि
बहुत चिंतित हूँ , झारखंड के भविष्य को ले कर एक तरफ़ कांग्रेस के विधायक खुलेआम तालिबान का समर्थन करते हैं ! दूसरी तरफ़ विधानसभा में नमाज़ की कक्ष खोली जा रही और तीसरी हिंदी को हटा कर उर्दू को प्रथमिकता नियोजन नीति में दी जा रही ? किस दिशा में जा रहा झारखंड आप भी सोचें ..
वहीं बोकारो विधायक विरंची नारायण ने कहा है कि जब सिर्फ तीन मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज कक्ष का अलग से आवंटन हो सकता है तो 70 के करीब हिंदू विधायकों के लिए पूजा घर का आवंटन क्यों नहीं किया जा सकता। उन्होने कहा कि हिंदू कर्मचारियों की आबादी ज्यादा है, हमें तो हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए कम से कम पांच कमरे या एक बड़े हॉल का अलॉटमेंट करें। इस हिसाब से ईसाईयों के लिए एक चर्च भी बनवा ही देना चाहिए। उन्होने कहा कि सरना आदिवासियों के लिए भी एक सरना स्थल का निर्माण विधानसभा के अंदर करवा दें मुख्यमंत्री
जब विधानसभा में मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ सकते हैं तो हनुमान चालीसा क्यों नहीं पढ़ सकते हिंदू समाज के लोग… pic.twitter.com/qLcy2i0PUg
— Biranchi Narayan (@biranchi36) September 4, 2021

