एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार प्रशांत किशोर के साथ शरद पवार की बंद कमरे में मुलाक़ात और शरद पवार का दिल्ली में विपक्षी दलों और देश के गणमान्य नागरिकों की बैठक बुलाना…क्या सचमुच ये 2024 की तैयारी है ? या अंदर ही अंदर कुछ और चल रहा है?
सबसे पहले आइए नजर डालते हैं कि शरद पवार के नई दिल्ली आवास पर मंगलवार शाम चार बजे से होने वाली बैठक में किन गणमान्य लोगों को न्योता दिया गया है?
इस बैठक में यशवंत सिन्हा, पवन वर्मा, संजय सिंह (आप) , डी. राजा, फारूक अब्दुल्ला, न्यायमूर्ति ए. पी. सिंह, जावेद अख्तर शामिल होंगे । वहीं, केटीएस तुलसी, पत्रकार करण थापर, पत्रकार आशुतोष, अधिवक्ता मजीद मेमन, सांसद वंदना चव्हाण, पूर्व सीईसी एस. वाई. कुरैशी, के. सी. सिंह, संजय झा, सुधींद्र कुलकर्णी, कॉलिन गोंजाल्विस, अर्थशास्त्री अरुण कुमार, घनश्याम तिवारी, प्रीतीश नंदी को भी न्योता दिया गया । वहीं, राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी भी इस बैठक में शामिल होंगे।
कुल मिलाकर शरद पवार के 6 जनपथ रोड वाले आवास पर होने वाली बैठक में 12 छोटे-बड़े क्षेत्रीय दल और करीब एक दर्जन प्रबुद्ध नागरिक शामिल होंगे।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साफ कहा है कि वे शरद पवार के घर होने वाली बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि देश में कोई तीसरा या चौथा मोर्चा नहीं बनने जा रहा है। अगर योजना सफल रही तो ये बैठक उससे ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकती है । प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि बैठक से क्या निकला, इसकी जानकारी देश को तुरंत नहीं मिलेगी। इसका असर साल-डेढ़ साल बाद दिखना शुरू होगा । मतलब, राज गहरा है !
गौर करने वाली बात ये है कि इस बैठक में कांग्रेस को न्योता नहीं दिया गया है। इसके साथ ही बीजू जनता दल के भी किसी प्रतिनिधि को न्योता नहीं है ।
शरद पवार ने अपने ट्विटर वाल पर लिख रखा है -” इतिहास गवाह है कि महाराष्ट्र दिल्ली के आगे न झुका था, न झुका है” । अब ये कांग्रेस के लिए है या बीजेपी के लिए ? या फिर दोनों को चैलेंज कर किसी तीसरी शक्ति के उदय की आहट है ? फिलहाल तो बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
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