कोरोना महामारी के दौर में भी विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है । विपक्ष के द्वारा रचनात्मक भूमिका अपनाने की आवश्यकता है, यह बातें झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस स्थित अपने कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के क्रियाकलाप पर अंगुली खड़ा करने का काम कर रही है ।जबकि आंकड़े साफ साफ कह रहे हैं कि विपक्ष जब सत्ता में थी तो उस दौर में उन्होंने किसानों की लगातार अनदेखी की। हम भाजपा समर्थित सरकार की अगर बात करें तो धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य में वह आधे में ही सिमट कर रह गई थी, जबकि वर्तमान में हमने तो लक्ष्य से ज्यादा धान अधिप्राप्ति का काम किया है।
उन्होने बताया कि
दो हजार सत्रह अट्ठारह के आंकड़ों को देखें तो 40 लाख क्विंटल धान की अधिप्राप्ति करनी थी, जिस में से मात्र 2133965 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की गई वही दो हजार अट्ठारह उन्नीस में 40 लाख क्विंटल के एवज में मात्र 22 74044 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की गई ,जो निर्धारित लक्ष्य का मात्र 53 फ़ीसदी और 56 फ़ीसदी रहा । वही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री रामेश्वर उरांव की दूरदर्शी सोच की वजह से हमने लक्ष्य से ज्यादा धान की अधिप्राप्ति की है।
बादल ने कहा झारखंड की जनता ने विपक्ष के 12 सांसदो को चुनाव जीता कर लोकसभा भेजा है,आपकी वह सरकार है , हम आग्रह करेंगे कि वह केंद्र सरकार से बकाया राशि का भुगतान जल्द से जल्द करवा दें ,जिससे किसान राहत की सांस ले सकें। यदि यह भुगतान केंद्र सरकार के द्वारा कर दिया जाए तो राज्य सरकार के आंकड़े 742 करोड़ तक पहुंच जाएंगे ।
बादल पत्रलेख ने जानकारी देते हुए बताया की पहली बार 2020-21 में धान अधिप्राप्ति के समय किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का 50 फ़ीसदी राशि का भुगतान किया गया है ,आंकड़ों में देखें तो मात्र 2806 किसान हैं जिनके बैंक खाता में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से प्रथम किस्त का भुगतान लंबित है ,तकनीकी सुधार कर उनके भुगतान भी जल्द कर दिए जाएंगे।