नई दिल्ली: दुनिया की अग्रणी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI ने भारत सरकार के IndiaAI मिशन के साथ साझेदारी में OpenAI Academy India की शुरुआत की है। 6 जून को इस पहल की औपचारिक घोषणा हुई, जो कि OpenAI की किसी भी देश में पहली अंतरराष्ट्रीय तैनाती है।
इस पहल का उद्देश्य AI शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाना और छात्रों, शिक्षकों, स्टार्टअप्स, सरकारी कर्मचारियों और गैर-लाभकारी संस्थानों के लिए इसे सुलभ बनाना है। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से होगा, और शुरुआत में अंग्रेजी और हिंदी, बाद में चार क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा।
IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह पहल तकनीक और ज्ञान तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
🎓 AI सभी के लिए: प्रशिक्षण और स्थानीय समुदाय
Academy भारत के छह प्रमुख शहरों में कार्यशालाएं, सात राज्यों में हैकथॉन, और 25,000 छात्रों तक पहुंचने की योजना बना रही है। साथ ही, OpenAI 50 चुने गए स्टार्टअप्स या फेलोज को $100,000 तक की API क्रेडिट देगा।
यह पहल भारत सरकार के ‘फ्यूचर स्किल्स’ मिशन के तहत 1 लाख शिक्षकों को जनरेटिव AI के प्रभावी उपयोग में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य भी रखती है।
🌐 बहुभाषीय और बहु-मंचीय पहल
OpenAI की सामग्री FutureSkills और iGOT Karmayogi प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होगी। पहले यह सामग्री अंग्रेजी और हिंदी, फिर कम से कम चार अन्य भारतीय भाषाओं में दी जाएगी।
हालांकि यह कदम स्वागतयोग्य है, पर AI विशेषज्ञों और साइबर कानून विशेषज्ञों ने डेटा प्राइवेसी, साइबर सुरक्षा और नैतिक शिक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
⚖️ विशेषज्ञों की राय: डेटा संरक्षण और एथिक्स ज़रूरी
AI गवर्नेंस विशेषज्ञ अजय शर्मा ने कहा, “OpenAI को DPDP अधिनियम, 2023 के प्रावधानों जैसे ‘स्पष्ट सहमति’, ‘डेटा मिनिमाइजेशन’, और ‘सीमा पार डेटा ट्रांसफर’ का पूरी तरह पालन करना होगा।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विद्यार्थियों और पेशेवरों के व्यक्तिगत डेटा की प्रोसेसिंग से पहले स्पष्ट, अनबंडल सहमति लेनी चाहिए और ‘Notice of Processing’ सार्वजनिक रूप से जारी होनी चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि AI शिक्षा में जिम्मेदार AI, कानूनी अनुपालन और नैतिक कोडिंग को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
साइबर कानून विशेषज्ञ साक्षर दुग्गल ने कहा, “डेटा स्टोरेज भारत में होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ स्टोरेज नहीं, सुरक्षा सबसे ज़रूरी है।”
उनके अनुसार, Academy को एपीआई सुरक्षा, एक्सेस लॉग्स, और इनपुट फिल्टरिंग जैसे उपायों को लागू करना चाहिए ताकि LLM को गलत इनपुट से बचाया जा सके।
🔐 जिम्मेदार AI की दिशा में भारत की भूमिका
वरिष्ठ साइबर कानून विशेषज्ञ कर्णिका ए. सेठ ने पहल को “सही समय पर उठाया गया सराहनीय कदम” बताया लेकिन कहा, “AI धोखाधड़ी, डीपफेक, और डिजिटल घोटालों से बचने के लिए छात्रों को एथिकल यूज़ की जानकारी देना अनिवार्य है।”
उन्होंने कहा कि छात्र डेटा का उपयोग सिर्फ स्पष्ट सहमति और कानून के अनुसार होना चाहिए।
AI विशेषज्ञ अजय शर्मा ने अंत में कहा, “तकनीकी सशक्तिकरण के साथ बड़ी नियामक जिम्मेदारी आती है।” भारत को AI शिक्षा के लिए वैश्विक मानक तय करने का अवसर मिला है और इस चुनौती को अवसर में बदलना होगा।