
रांची : कोरोना महामारी के कारण स्कूलों के बंद रहने पर ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम एक विकल्प के तौर पर सामने आया और अब स्थिति सामान्य होने और स्कूलों के खुल जाने के बाद भी सीबीएसई ने इसे ऑफलाइन एजुकेशन मोड के पूरक के तौर पर जारी रखने का फैसला लिया है| गुरुवार को राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी|
मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि सीबीएसई ने अप्रैल 2020 से अपने स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति दी है| केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सत्र 2021-22 के लिए विभिन्न ऑनलाइन/ऑफलाइन विकल्पों के साथ छमाही परीक्षा की योजना अधिसूचित की है|
परीक्षायें आधे पाठ्यक्रम के लिए प्रत्येक सत्र के अंत में आयोजित की जायेंगी| डेढ़ घंटे की अवधि की पहले सत्र की परीक्षा आतंरिक रूप से नवम्बर-दिसंबर 2021 के दौरान सीबीएसई द्वारा विकसित केवल बहु विकल्पीय प्रश्नों वाले प्रश्नों के साथ और सीबीएसई द्वारा नियुक्त बाहरी पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में स्कूलों में ही आयोजित की जायेगी| दूसरे सत्र की परीक्षा मार्च-अप्रैल 2022 के दौरान बाहरी केन्द्रों में 2 घंटे की घटाई गयी अवधि के लिए आयोजित की जायेगी| इसमें डिस्क्रिप्टिव प्रश्न होंगे|
अंतिम परिणाम दो सत्रों में संचयी प्रदर्शन (कमुलेटिव परफॉरमेंस) के आधार पर जारी किया जाएगा| यदि दूसरा सत्र संभव न हो, तो केवल एक सत्र के आधार पर और यदि दोनों सत्र संभव न हों, तो आतंरिक परीक्षाओं के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किये जायेंगे, जैसा कि वर्तमान वर्ष में किया जा रहा है|