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सिमरिया/गीतांजलि:-काम शुरू होते ही NTPC ने संविदाकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। दरअसल जिन लोगों की NTPC में जमीन चली गयी है उनमें से दो सौ रैयतों को संविदा के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है और यही संविदाकर्मी NTPC के खिलाफ पिछले बीस दिनों से मुआवजा की रकम में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। लगभग बीस दिनों तक काम ठप हो जाने के कारण NTPC को लगभग 35 से 40 करोड रुपए का नुकसान हो गया।इस बात से खफा NTPC प्रबंधन ने प्लांट का काम शुरू होते ही संविदाकर्मियों को अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया। इसके बाद क्या था, संविदाकर्मी गेट के बाहर धरने पर बैठ गए।
NTPC के कामकाज में छुटभैये नेता रच रहे चक्रव्यूह
असल मे एनटीपीसी का कहना है कि जिस वर्ष में रैयतों को मुआवजा मिला था, उस समय जमीन की कीमत के हिसाब से लोगों को रकम दी गई थी।मगर अब रैयत वर्तमान वैल्यू के हिसाब से पैसा मांग रहे हैं जो तर्कसंगत नहीं है। बहरहाल NTPC के कामकाज में राजनीति हावी हो गई है। भाजपा ,आजसू के अलावा कई दल के नेता आग में घी डाल कर अपना हाथ सेंक रहे हैं। टंडवा के अलावा अन्य प्रखंड के लोगों का कहना है कि अगर NTPC से बिजली की आपूर्ति शुरू हो जाती तो चतरा जिले को जीरो कट बिजली मिलती।वैसे NTPC के काम काज में छुटभैये नेताओं के विलेन के रोल निभाने के वजह से 8 हजार करोड़ की लागत वाले NTPC का बजट अब 14 हजार करोड़ पहुंच गया है।